India Canada Relation: केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि कनाडा ने भारतीय नागरिकों पर लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में सवाल किया कि क्या सरकार ने अमेरिका और कनाडा में भारतीय नागरिकों से जुड़ी कथित आपराधिक गतिविधियों का संज्ञान लिया है. इस पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "सरकार अमेरिका और कनाडा में भारतीय नागरिकों की कथित संलिप्तता के आरोपों से अवगत है."
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ सुरक्षा सहयोग के तहत भारत और अमेरिकी एजेंसियां संगठित अपराध, हथियारों की तस्करी, आतंकवाद और अन्य अपराधों से संबंधित जानकारी साझा कर रही हैं. इसके तहत शेयर किए गए इनपुट की जांच एक उच्च स्तरीय समिति कर रही है.
कनाडा के आरोपों पर भारत का जवाब
कनाडा की ओर से लगाए गए आरोपों पर मंत्री ने साफ किया कि गंभीर आरोप लगाने के बावजूद कनाडा ने उनके समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है. सरकार का मानना है कि इस तरह के बयान भारत विरोधी अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देते हैं और स्थिर द्विपक्षीय संबंधों के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं. भारत ने कनाडा से अपनी धरती पर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह बार-बार किया है.
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय
मंत्री ने कहा कि अमेरिका और कनाडा में रहने, काम करने और पढ़ाई करने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारत सरकार की प्राथमिकता है. जब भी इन नागरिकों के सामने कोई समस्या आती है, तो सरकार इसे संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाकर तुरंत समाधान करती है.
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का कारण
भारत और कनाडा के बीच संबंध जस्टिन ट्रूडो के उस बयान के बाद तनावपूर्ण हो गए, जिसमें उन्होंने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया. इन आरोपों का भारत ने कड़े शब्दों में खंडन किया और दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया.
अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोप
इस बीच, अमेरिका ने दावा किया कि विकास यादव नामक एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी, जो रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े थे, ने खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत पन्नू की हत्या की साजिश रची. इसमें एक अन्य भारतीय नागरिक, निखिल गुप्ता, भी शामिल था, जिसे जून में चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था.
भारत सरकार का रुख
सरकार ने संसद में साफ किया कि भारत विरोधी तत्वों के आरोप और इनके प्रचार से भारत और संबंधित देशों के बीच संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. सरकार इन आरोपों का सत्यापन और इससे संबंधित संभावित खतरों का आकलन कूटनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर कर रही है.