पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के बीजिंग दौरे में आए चीन-पाक के साझा बयान को भारत ने खारिज कर दिया है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) और कश्मीर पर दिए बयानों को लेकर भारत ने ऐतराज जताया है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान और चीन ऐसी हरकतों से बाज़ आए और अवैध कब्जे वाले इलाके में अपनी गतिविधियां रोके.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सीपेक पर कहा,‘‘ तथाकथित सीपेक में परियोजनाओं पर हमने अपनी चिंताएं हमेशा चीन और पाकिस्तान के समक्ष उठाई हैं,जो भारतीय क्षेत्र में हैं और जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है.’’
उन्होंने कहा,‘‘ हम पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले स्थानों पर यथा स्थिति बदलने के अन्य देशों तथा पाकिस्तान की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध करते हैं. हम संबंधित पक्षों से ऐसी गतिविधियां रोकने की मांग करते हैं.’’
बता दें कि हाल ही में इमरान खान (Imran Khan)चीन के दौरे पर गए थे. इसके बाद दोनों देशों ने छह फरवरी को साझा बयान जारी कर कहा था, ‘‘पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति पर ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया. चीनी पक्ष ने फिर से कहा कि कश्मीर मुद्दा एक ऐसा विवाद है जो अतीत से मिला है और उसका उपयुक्त एवं शांतिपूर्ण तरीके से समाधान होना चाहिए. चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है. ’’
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, इमरान खान के साथ अपनी बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन सीपीईसी के पूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाने को तैयार है.
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