Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान में सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत का दावा, जानें- क्या भारत में भी बिकती है ये दवा?
Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय कंपनी के कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत हुई है. इसको लेकर सवाल उठने लगे कि क्या यह सिरप हिंदुस्तान में बिकता है?
Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय कफ सिरप से उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई है. इसके बाद सवाल उठ रहा कि क्या यह सिरप भारत में भी बिक रहा है. क्या उज्बेकिस्तान का दावा सही है? अब इसको लेकर गुरुवार (26 दिसंबर) को अधिकारिक जवाब आया है.
अधिकारियों ने बताया कि उज्बेकिस्तान में जिस ‘कफ सिरप’ से मौत के मामले सामने आए हैं, उसे भारत में नहीं बेचा जाता. केवल निर्यात किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि उज्बेकिस्तान में कथित रूप से खांसी की दवा पीने से हुई मौतों के संबंध में केंद्र, उत्तर प्रदेश औषधि विभाग की टीम ने फार्मा कंपनी के नोएडा कार्यालय का निरीक्षण किया.
उज्बेकिस्तान ने क्या कहा?
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित खांसी के सिरप ‘डॉक-1 मैक्स’ का सेवन किया था. मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाले हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं और पूछताछ कर रही हैं.
हैरिस ने कहा, ‘‘हमारी ओर से कोई समस्या नहीं है और जांच में कोई गड़बड़ नहीं है. हम पिछले 10 साल से काम कर रहे हैं. सरकार की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे. फिलहाल (दवा का) निर्माण बंद हो गया है.’’ मंत्रालय के मुताबिक, प्रयोगशाला में जांच के दौरान सिरप के एक बैच में रासायनिक एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया.
भारत ने क्या कहा?
सूत्रों ने बताया कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने उज्बेक नियामक से घटना के संबंध में और जानकारी मांगी है. उत्तर क्षेत्र की केंद्रीय औषधि नियामक टीम और राज्य औषधि नियामक टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया, जिसमें दवाओं के नमूने भी लिए गए.
पहले भी लगे आरोप
गाम्बिया में इस साल की शुरुआत में 70 बच्चों की मौत को हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के निर्मित खांसी के सिरप से जोड़ा गया था, जिसके बाद हरियाणा स्थित इकाई को विनिर्माण मानकों के उल्लंघन के लिए बंद कर दिया गया था. बहरहाल, बाद में एक सरकारी प्रयोगशाला में जांच के बाद नमूने नियमों के अनुसार पाए गए.
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