भारतीय नौसेना का बड़ा एलान, हिंद महासागर में सुरक्षा के लिए खोलेगी इंफोर्मेशन सेंटर
भारतीय नौसेना जल्द ही हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आईएफसी नाम का एक इंफोर्मेशन सेंटर खोलने जा रही है जिसमें कई देशों के नौसैनिक तैनात होंगे.
पुणे: मुंबई के 26/11 हमले की दसवीं बरसी से ठीक पहले भारतीय नौसेना ने समंदर की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा एलान किया है. भारतीय नौसेना जल्द ही हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आईएफसी नाम का एक इंफोर्मेशन सेंटर खोलने जा रही है जिसमें कई देशों के नौसैनिक तैनात होंगे. इस सेंटर में हिंद महासागर की सुरक्षा से जुड़ी सारी जानकारियां इकठ्ठा करने के बाद उससे जुड़े देशों से साझा की जायेगी, ताकि समय रहते किसी भी समुद्री चुनौती के खिलाफ जरूरी कारवाई की जा सके.
ये आईएफसी सेंटर गुरूग्राम (गुड़गांव) स्थित नौसेना के आईमैक सेंटर में बनाया जायेगा.ये इंफोर्मेशन मैनेजमेंट एंड एनेलेसिस यानि आईमैक सेंटर नौसेना के ऑपरेशन-रूम की तरह काम करता है.जहां से बैठकर पूरे हिंद महासागर पर सैटेलाइट के जरिए नजर रखी जाती है. इस आईएफसी-आईओआर यानि इंफोर्मेशन फ्यूज़न सेंटर-इंडियन ओसियन रिजन के स्थापित होने की घोषणा खुद नौसेना प्रमुख एडमिरल, सुनील लांबा ने कोच्चि में की. नौसेना प्रमुख आज कोच्चि में आईओएनएस यानि एंडियन ओसियन नेवल सेम्पोज़ियम के दसवें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उसी दौरान हिंद महासागर की सुरक्षा से जुड़ी इस सेंटर के स्थापना की घोषणा उन्होनें की. खास बात ये होगी की इस सेंटर में भारतीय नौसेना के साथ साथ कई आईओएनएस देशों के नौसैनिक भी तैनात रहेंगे. इस मौके पर बोलते हुए एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि इस बहुराष्ट्रीय सेंटर के खुलने से हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा में काफी इजाफा होगा.आईओएनएस हिंद महासागर क्षेत्र के देशों का एक समूह है जिसकी शुरूआत दस साल पहले भारत की पहल पर हुई थी. इस समूह में फिलहाल 32 देश हैं. कोच्चि में चल रहे वार्षिक सम्मलेन में 28 देशों के नौसैनिक प्रमुख और मेरिटाईम एजेंसियों के चीफ हिस्सा ले रहे हैं. जो देश कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं उनमें प्रमुख हैं ईरान, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, थाईलैंड, नीदरलैंड, बांग्लादेश, जापान, मोजम्बिक, इंग्लैंड इत्यादि.
आपको बता दें कि दस साल पहले ही 26 नबम्बर 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी, मुंबई पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी समंदर के रास्ते ही कराची से मुंबई पहुंचे थे. इस हमले से सीख लेते हुए भारत ने अपनी समुद्री सीमाओं को काफी सुरक्षित कर लिया है. आईएफसी-आईओआर उसी कड़ी में एक और बड़ा कदम है.
कोच्चि में दो दिन (13-14 नबम्बर) तक चलने वाले इस सेमिनार में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को भी हिस्सा लेना था, लेकिन आखिरी समय में उन्होनें अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया.
इस साल के आईओएनएस सम्मेलन का थीम है 'सागर' यानि सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन. ये थीम कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंद महासागर के देशों के लिए दिया था.
सम्मलेन के स्वागत भाषण में नौसेना प्रमुख ने कहा कि भले ही सरहदें देशों को आपस में बांटती हैं लेकिन समंदर एक देश को दूसरे देश से जोड़ते हैं. उन्होनें सोमालियाई समुद्री डकैतों का जिक्र करते हुए कहा कि समंदर की सुरक्षा सीधे तौर से किसी भी देश की समृद्धि से जुड़ी होती है. इसलिए बेहद जरूरी है कि समुद्री-रूट सुरक्षित हों. गौरतलब है कि सोमालियाई तट के करीब से दुनियाभर के देशों के जहाज गुजरते हैं. लेकिन सोमालियाई डकैत वहां इन जहाजों को लूट लेते हैं. रविवार को ही भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने अरब सागर में एक सोमालियाई डकैतों के समूह को पकड़कर उनके हथियार जब्त किए थे. एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि समुद्री-क्षेत्र इतना विशाल है कि एक अकेला देश उनकी सुरक्षा नहीं कर सकता. इसलिए सभी देशों को मिलकर समुद्री-सुरक्षा का दायित्व लेना होगा.