India Vs Bharat Name Dispute: देश का नाम भारत होना चाहिए या इंडिया इसको लेकर बहसों, तर्कों और प्रतीकों की राजनीति का सिलसिला जारी है. इन सब के बीचे प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया, भारत की राष्ट्रपति हो गईं हैं तो वहीं प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया, भारत के प्रधानमंत्री हो गये हैं. इंडिया और भारत के विवाद के बीच केंद्र सरकार ने नाम बदलने की बात को कोरी अफवाह करार दिया है, तो वहीं बीजेपी ने विपक्ष से सवाल पूछा है कि आखिर नाम बदले जाने से उनको क्या परेशानी है.
ये विवाद तब शुरू हुआ जब 8 से 10 सितंबर के बीच होने वाली जी20 देशों की बैठक के दौरान 9 सितंबर को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के गणमान्य लोगों को एक निमंत्रण पत्र भेजा. इस पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था. इसके बाद विपक्ष ने इस नाम को लेकर सरकार पर राजनीतिक तीर छोड़ने शुरू कर दिये. इन सब के बीच विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
इस बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'नाम बदलने की बात कोरी अफवाह है, संसद के विशेष सत्र में ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है. मैं भारत सरकार में मंत्री हूं और जी20 के लोगों में इंडिया और भारत दोनो लिखा हुआ है तो फिर बेवजह की अफवाह क्यों फैलाई जा रही है. ऐसी अफवाह कौन फैला रहा है.'
उन्होंने कहा, 'आखिर भारत शब्द से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है, आखिर भारत शब्द से किसी को क्या दिक्कत है. यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है, उनके मन में भारत को लेकर विरोध है, शायद इसलिए ही जब वह विदेश जाते हैं तो वह वहां पर भारत की आलोचना करते हैं.'
संसद के विशेष सत्र को लेकर क्यों आशंकित हैं विपक्ष दल?
जी20 समिट खत्म होने के बाद सरकार ने 18 से 23 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित होना है. इस सत्र का एजेंडा सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है जिसको लेकर विपक्षी दलों में आशंका है. कभी विपक्षी दल अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार यूसीसी लेकर आ सकती है तो कभी वह कह रहे हैं कि सरकार संविधान में संशोधन कर इंडिया की जगह भारत कर सकती है.