India Or Bharat Issue: जी-20 डिनर के निमंत्रण पत्र राष्ट्रपति को प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने पर बयानबाजी जारी है. देश के नाम से इंडिया हटाने की अटकलों के बीच जम्मू कश्मरी के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर भारत के संघीय ढांचे और संविधान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश का आरोप लगाया. 


नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पार्टी की एक बैठक में इंडिया का नाम बदलकर भारत किए जाने की संभावना के बारे में सवाल पर कहा कि भारत और इंडिया दोनों संविधान का हिस्सा हैं. ऐसे में व्यक्तियों को दोनों में से किसी एक का उपयोग करने का अधिकार होना चाहिए. 


उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "सरकार विपक्षी गठबंधन के इस्तेमाल के कारण इंडिया का नाम बदलकर भारत करना चाहती है. ऐसे में देश पर हर चीज का नाम बदलने का बोझ डालने के बजाए हम गठबंधन का नाम बदलने को तैयार हैं.'' उन्होंने कहा कि राष्ट्र का नाम बदलने से देश की छवि पर असर पड़ेगा. 


उन्होंने सवाल किए कि सरकार इसरो, एसबीआई, आईआईटी और आईएम से कैसे नाम मिटा देगी? हमें संकेत मिलता है कि वे इंडिया का नाम बदलकर भारत कर रहे हैं क्योंकि गठबंधन इसका इस्तेमाल कर रहा है तो हम गठबंधन का नाम बदल देंगे. हम देश का खर्च बढ़ाना नहीं चाहते. 


वन नेशन, वन इलेक्शन पर क्या कहा?
संसद के विशेष सत्र के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सत्र के लिए कोई एजेंडा नहीं था. उन्होंने कहा, "चुनाव की समस्या को हल करने के लिए एक राष्ट्र, एक चुनाव पर कई रिपोर्टें प्रस्तुत की गई है, लेकिन हम वास्तविक उद्देश्य नहीं जानते हैं.  उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि वन नेशन, वन इलेक्शन से शुरू हो रहा है और एक राष्ट्र कोई चुनाव नहीं के रूप में समाप्त होगा. 


उमर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी को पहाड़ी परिषद चुनावों में पारंपरिक प्रतीक हलका उपयोग करने की अनुमति देने के फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. उन्होंने लद्दाख प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि एक लाख रुपये का जुर्माना दर्शाता है कि उन्होंने कैसे अदालत का समय बर्बाद किया. उन्होंने कहा, ''देर आए, दुरुस्त आए.''


ये भी पढ़ें- संसद का विशेष सत्र: सोनिया गांधी की चिट्ठी का सरकार ने दिया जवाब, 'दुर्भाग्यपूर्ण, आपका परंपराओं की तरफ ध्यान नहीं'