प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तह भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश लगातार प्रयास कर रहा है. बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों ने यहां निवेश बढ़ाया है. वहीं, रक्षा के क्षेत्र में भी देश हर दिन नई मिसाल कायम कर रहा है. आज भारतीय सेना के पास एक से बढ़कर एक ऐसी मिसाइल और हथियार मौजूद हैं, जो दुशमन के छक्के छुड़ा सकते हैं. हालांकि, वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो भारत दुनियाभर की 10 सबसे पवारफुल ताकतों में शामिल नहीं है. एक यूएस पब्लिकेशन की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. 'यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट' की ओर से जारी पावरुफल देशों की लिस्ट में भारत को 12वां स्थान मिला है. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, चीन और यूनाइटेड स्टेट्स दुनिया के 10 सबसे पावरफुल देश हैं. लिस्ट में 11वें नंबर पर फ्रांस और 12वें नंबर पर भारत है. इस रैंकिंग में जापान को दक्षिण कोरिया के बाद जगह मिली है. 


भारत के हेरिटेज और कल्चरल इंफ्लुएंस को मिले सबसे ज्यादा पॉइंट्स
यह रैंकिंग मॉडल ग्लोबल मार्केटिंग कम्यूनिकेशन कंपनी WPP के बीएवी ग्रुप और यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट ने मिलकर तैयार किया है. इसमें भारत को 100 से में 46.3 पॉइंट दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि सॉफ्टवेयक वर्कर, बिजनेस आउटसोर्सिंग सर्विसेज और इनफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज में भारत के पास अपार संभावनाएं हैं, लेकिन उसे सबसे ज्यादा पॉइंट उसके हेरिटेज और कल्चरल इंफ्लूएंस के लिए मिले हैं. यह लिस्ट पांच उन 5 विशेषताओं पर तैयार की गई है, जो किसी देश की शक्ति को दर्शाते हैं, इसमें नेता, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और मजबूत सेना शामिल हैं.


रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को ताजमहल, हुमांयू टॉम्ब, कोणार्क के सूर्य मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों जैसे ऐतिहासिक खजाने के लिए जाना जाता है. रिपोर्ट मे कहा गया कि आधुनिक भारत ने भी सांस्कृतिक योगदान में भागीदारी दी है. भारत की फिल्म इंडस्ट्री दुनियाभर के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा फिल्म बनाने वाली इंडस्ट्री है. भारत के पास 1980 से अब तक तीन बुकर प्राइज विजेता सरमान रशदी, रवि शंकर और अली खान अकबर हैं.


बड़ी जनसंख्या और कम प्रति व्यक्ति आय न डाला भारत की रैंकिंग पर प्रभाव
रैंकिंग मॉडल में इस बात पर जोर डाला गया कि देश की विशाल जनसंख्या और प्रति व्यक्ति कम आम इसे 10 शक्तिशाली देशों में शामिल होने रोकती है. रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत की बड़ी जनसंख्या और कम प्रति व्यक्ति आय ने इसकी ऑल ओवर रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. देश के पास विशाल, कुशल कार्यबल के साथ फास्ट ग्रोइंग विविध अर्थव्यवस्था है, लेकिन अपनी जनसंख्या, प्रति व्यक्ति आय और सकल राष्ट्रीय उत्पाद के आधार पर यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है.' 


पांच सालों का भारत का पावर गैप
भारत की रैंकिंग में पांच सालों में उसके पावर गैप को भी हाइलाइट किया गया. किसी देश के पास मौजूद संसाधन और उसका प्रदर्शन पावर गैप को दर्शाता है. भारत का विशलेषण करने पर सामने आया कि वह अपने पास उपलब्ध संसाधनों से कम अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि एशिया में इसके संभावित भविष्य का आकलन करना मुश्किल है. यह अमेरिका और चीन के बाद सबसे बड़ी पावर बनने के लिए तैयार है, लेकिन यह यूएस अलायंस नेटवर्क में शामिल नहीं है. हालांकि, चीन को लेकर उसके हित अमेरिका से मेल खाते हैं. इसमें ऑस्ट्रेलिया एवं जापान के साथ उसकी क्वाड पार्टनरशिप भी शामिल है.


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