पाकिस्तान सरकार की ओर से आज मनाए जा रहे कश्मीर "सालिडेरिटी डे" पर भारत ने तीखा पलटवार किया है. भारत सरकार का कहना है कि इसका कोई महत्व नहीं है और भारत इसको कोई तवज्जो नहीं देता. असल में 5 जनवरी 1949 को हीं कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव एडाप्ट किया गया था. लिहाज़ा पाकिस्तान इस दिन "सालिडेरिटी डे" मनाता है.
'सालिडेरिटी डे' पर भारत ने किया पलटवार
पाकिस्तान में आज हर शहर में 'सालिडेरिटी डे' के नाम पर पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं और माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार इस बार जानबूझकर इसे ज्यादा बड़ा कठिन दिखाने कि कोशिश इसलिए कर रही क्योंकि भारत एक बार फिर से सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बन गया है.
इतिहास में जी रहा पाकिस्तान
भारत सरकार के उच्च सूत्रों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ABP News से कहा कि 'इसका कोई महत्व नहीं है, भारत इसको कोई महत्व नहीं देता. पाकिस्तान इतिहास में जी रहा है. पाकिस्तान ने सिर्फ पाकिस्तानी आवाम की याददाश्त में कश्मीर मुद्दे को ज़िन्दा रखने के लिए अपने कैलेंडर में सालिडेरिटी डे, ब्लैक डे इत्यादि जैसे 5-6 दिन बना रखें हैं जिनका अब विश्व पटल पर कोई मतलब नहीं रह गया है.'
किराए से जुटाते हैं भीड़
ABP News से बातचीत के दौरान उन्होंने आगे कहा कि 'अब इनके जितने भी जलसे होते हैं उनमें किराए के 10-15 लोगों को बुला के नारेबाजी करा लेते हैं और फोटो शूट करके लोग वापस चले जाते हैं. वास्तविकता में पाकिस्तान कश्मीर मसले पर अब इतिहास में हीं जी रहा है.'
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