Gurpatwant Singh Pannun Murder Case: आतंकी पन्नू पर अमेरिकी राजदूत ने की 'हदों' की बात, जयशंकर ने भी दिया माकूल जवाब, जानें क्या कहा
Gurpatwant Singh Pannun Murder Case: अमेरिकी राजूदत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि किसी दूसरे देश के नागरिक की हत्या के प्रयास में एक सरकारी अधिकारी की संलिप्तता ‘स्वीकार न की जाने वाली रेड लाइन’ है.
Gurpatwant Singh Pannun Murder Case: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में एक सरकारी अफसर की कथित संलिप्तता की जांच में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हित जुड़े हैं. सोमवार (एक अप्रैल, 2024) को अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने मीडिया को बताया, "हम इसकी जांच कर रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि इस जांच में हमारे खुद के राष्ट्रीय सुरक्षा हित जुड़े हुए हैं।"
एस जयशंकर के मुताबिक, "मेरी सरकार की स्थिति यह है कि खासतौर से इस मामले में हमें कुछ सूचना मुहैया करायी गई है, जिसकी हम जांच कर रहे हैं. इसलिए जब भी हमें जांच के बारे में कुछ कहना होगा तो हमें इसके बारे में बात करके काफी खुशी होगी. अभी यह कहने के अलावा कुछ भी नहीं है कि इसकी जांच की जा रही है."
रेड लाइन का जिक्र कर एरिक गार्सेटी ने कही थी यह बात
केंद्रीय विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिकी राजूदत अपनी सरकार की सोच या स्थिति के अनुसार जो सही होगा, वही कहेंगे. दरअसल, एरिक गार्सेटी ने कहा था कि किसी दूसरे देश के नागरिक की हत्या के प्रयास में एक सरकारी अधिकारी की संलिप्तता ‘स्वीकार न की जाने वाली रेड लाइन’ है.
रूस में फंसे भारतीयों के सवाल पर क्या बोले एस जयशंकर?
भारतीयों को नौकरी दिलाने का वादा कर रूस ले जाने के बाद उनके यूक्रेन संघर्ष में फंसने के बारे में किए गए प्रश्न पर एस जयशंकर बोले भारत ने रूस सरकार के सामने ‘‘बहुत मजबूती’’ से इस मामले को उठाया है. विदेश मंत्री के अनुसार, "हम इन सभी लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं."
"रूसी सेना में नौकरियों के लिए एजेंट्स के बहकावे में न आएं..."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले महीने कहा था कि रूसी सेना के साथ काम करने के लिए कई भारतीय नागरिकों के साथ धोखाधड़ी किए जाने के मामले को भारत ने रूस के समक्ष मजबूती से उठाया है, ताकि उन लोगों की जल्द रिहाई हो सके. उन्होंने भारतीय नागरिकों से अपील की थी कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंट की ओर से दिए गए प्रस्तावों के बहकावे में न आएं क्योंकि यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है.
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