चंडीगढ़: भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव के बीच, पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि सीमापार सक्रिय आतंकी संगठनों के संबंध में दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीतिक दबाव अहम होगा. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने 'वी हैव ए च्वाइस' (हमारे पास विकल्प है) शीर्षक के दो पेज के बयान में कहा, ''मैं अपने इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि सीमा के अंदर और इसके पार से संचालित आतंकी संगठनों की उपस्थिति और गतिविधियों का दीर्घकालिक समाधान खोजने में बातचीत और कूटनीति दबाव अहम भूमिका निभाएगा.''


सिद्धू ने कहा, ''आतंक का समाधान शांति, विकास और प्रगति है, बेरोजगारी, घृणा और भय नहीं.'' कांग्रेसी नेता ने यह बयान ऐसे समय दिया जब उनके मित्र और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को शांति की बात की थी और सीमा पर बढते तनाव के बीच भारत को बातचीत का न्यौता दिया था.


नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह इस सिद्धांत के साथ मजबूती से खड़े हैं कि कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. गौरतलब है कि पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए सिद्धू ने सवाल किया था कि क्या कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराया जा सकता. उनकी इस टिप्पणी की कई नेताओं ने आलोचना की थी.


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