(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रिंटर से स्कैन कर बनाया था भारत-पाक मैच का डुप्लीकेट टिकट, अहमदाबाद पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
Duplicate Cricket Tickets Selling Arrest: गुजरात के अहमदाबाद में चार लोगों ने मिलकर असली टिकट को स्कैन कर डुप्लीकेट टिकट प्रिंट किया था और ब्लैक मार्केट में सोशल मीडिया के जरिये बेच रहे थे.
Gujrat Police Arrested Four: मौजूदा क्रिकेट विश्व कप का खुमार पूरे देश पर है. इस बीच गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस ने आगामी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट विश्व कप मैच के 50 नकली टिकट छापने और बेचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. 3 लाख रुपये में टिकट बेचे गए थे. एक अधिकारी ने कहा कि चार में से तीन आरोपी 18 साल के हैं, जबकि चौथा 21 साल का है. उन्होंने बताया कि शहर की अपराध रोकथाम शाखा ने गिरफ्तारी की.
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होना है भारत पाकिस्तान विश्व कप मैच
भारत बनाम पाकिस्तान विश्व कप मैच 14 अक्टूबर को अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित चर्चित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होना है. अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी) चैतन्य मांडलिक ने कहा, "पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला कि आरोपियों ने पहले मैच का एक मूल टिकट खरीदा और फिर एक अन्य आरोपी की दुकान पर फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का उपयोग करके उस मूल टिकट की स्कैन की गई कॉपी को संपादित करने के बाद लगभग 200 डुप्लिकेट टिकट प्रिंट किए."
उन्होंने कहा, "पुलिस ने सभी 200 टिकटें बरामद कर ली हैं, जिनमें वे 50 टिकटें भी शामिल हैं, जो आरोपियों ने सोशल मीडिया पर अपने कनेक्शन का इस्तेमाल करके बेचे थे." उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान 18 साल के जयमीन प्रजापति, ध्रुमिल ठाकोर और राजवीर ठाकोर तथा कुश मीना (21) के रूप में हुई है. ये अहमदाबाद और गांधीनगर के विभिन्न हिस्सों के निवासी हैं.
शातिराना तरीके से प्रिंट किया था क्रिकेट टिकट
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की जानकारी देते हुए मांडलिक ने कहा, 'ये जानने के बाद कि भारत-पाकिस्तान मैच के टिकटों की भारी मांग है और क्रिकेट प्रशंसकों को ऊंची कीमत पर बेचा जा सकता है, स्टेडियम के पास रहने वाले प्रजापति के मन में अपराध की साजिश पनपी थी."
मांडलिक आगे कहते हैं, "फिर उसने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए राजवीर और ध्रुमिल को शामिल किया. उसके बाद तीनों ने मीना से संपर्क किया, जो बोदकदेव इलाके में एक प्रिंटिंग की दुकान की मालिक है. जब मीना ने कहा कि योजना को अंजाम देने के लिए एक मूल टिकट की आवश्यकता है, तो ध्रुमिल ने एक टिकट खरीदा और मीना को दे दिया. इसके बाद फोटोशॉप का उपयोग करके कंप्यूटर पर मूल टिकट की स्कैन की गई और नकली डिजिटल प्रतियां बनाईं."
उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपी ने एक रंगीन प्रिंटर खरीदा और लगभग 200 डुप्लिकेट टिकटें छाप दीं, जो बिल्कुल असली जैसी दिखती थीं.
सोशल मीडिया के जरिए बेची टिकट
सोशल मीडिया पर अपने कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए, प्रजापति और राजवीर ने शुरुआत में कुछ टिकट बेचे. मांडलिक ने कहा, "जब इसकी मांग बढ़ने लगी, तो उन्होंने कुछ और टिकटें छापीं और इसे क्रिकेट प्रशंसकों को 2,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति टिकट की कीमत पर बेच दिया.
डीसीपी ने कहा, "इस अवैध गतिविधि के बारे में जानने के बाद, हमारी टीम ने मंगलवार (10 अक्टूबर) को मीना की दुकान पर छापा मारा और सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हमने बेचे गए 50 टिकट भी बरामद किए. इन्होंने 50 टिकट 3 लाख रुपये में बेचे थे. उन्होंने बताया कि पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और जालसाजी समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की है.
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