नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय मंचों से घेराबंदी और चौतरफा कूटनीतिक दबाव का नतीजा ऐसा निकला कि अशांति फैलाने वाला पाकिस्तान सीमा पर शांति बनाने की बात करने लगा. काफी समय बाद पाकिस्तान ने अपने रिश्तों को भारत के साथ सुधारने की बात कही है. इसी कड़ी में दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि उन सभी पुराने समझौतों को फिर से अमल में लाया जाएगा जो समय-समय पर दोनों देशों के बीच शांति को बनाए रखने के लिए किया गया था. बातचीत के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के साथ  प्रमुख मुद्दों पर हमारा रुख नहीं बदला है.


दोनों देशों के बीच हुई सहमति को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ''भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध बनाए रखना चाहता है. हम सभी लंबित मुद्दों का शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं.'' प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा, ''सभी प्रमुख मुद्दों पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.''


किन मुद्दों पर हुई चर्चा


दोनों देशों की बैठक में सीजफायर उल्लंघन, युद्धविराम, कश्मीर मुद्दे समेत कई समझौतों पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा के हालात को लेकर भी समीक्षा की. इस बैठक में भारत की ओर से भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह शामिल हुए.


लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह के साथ उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने हॉटलाइन पर बातचीत की. बातचीत के बाद दोनों देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया है. संयुक्त बयान में भारत और पाकिस्तान ने कहा कि दोनों देश आपसी समझौतों, करारों और संघर्ष विराम का सख्ती से पालन करेंगे.


संयुक्त बयान में कहा गया है कि सीमा पर स्थायी शांति बनाने के लिए दोनों डीजीएमओ एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमती जताई. बातचीत के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी का हल निकलने के लिए फ्लैग मीटिंग की बात कही.


बातचीत के जरिए विवाद सुलझाए जाएंगे


दोनों देशों ने मिलकर बातचीत के जरिए सारे विवाद को सुलझाने की बात कही. बैठक में यह भी तय हुआ कि जिन समझौतों पर बात हुई है वह 24-25 फरवरी की रात से लागू कर दिया जाएगा. इससे पहले भारत की ओर से कई बार शांति की अपील की थी लेकिन तब पाकिस्तान की ओर से कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई थी.


भारत की ओर से कूटनीतिक दबाव का ही नतीजा कहा जा सकता है कि श्रीलंका के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के साथ केवल कश्मीर का 'विवाद' है और इसे वार्ता के जरिए सुलझाया जा सकता है.


Explained: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए समझौते पर उठ रहे हर सवाल का यहां पढ़ें जवाब