India-Pakistan Relations: पाकिस्तान में होने वाली एससीओ समिट में भारत की ओर से हिस्सा लेने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर जाएंगे. वहां की राजधानी इस्लामाबाद में यह बैठक 15-16 अक्टूबर, 2024 को होगी, जिसमें एस जयशंकर ही इंडिया का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार (04 अक्टूबर) को दी. 


विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर फिलहाल श्रीलंका दौरे पर हैं, वहां पर उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से मुलाकात की है. एबीपी न्यूज़ के सवाल क्या ये दौरा पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के तौर पर देखा जाए? इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्री का इस्लामाबाद जाना SCO को लेकर है. इससे ज़्यादा इस बारे में ना सोचा जाए. दरअसल पाकिस्तान ने एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत को न्यौता दिया था.


कितने साल बाद हिंदुस्तान का नेता जाएगा पाकिस्तान?


पाकिस्तान के साथ बिगड़े रिश्तों के बीच कई सालों से किसी भी भारतीय नेता ने पाकिस्तान का आधिकारिक दौरा नहीं किया है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कवायद एक बार शुरू भी की गई और पीएम मोदी ने 25 दिसंबर, 2015 को लाहौर में नवाज शरीफ से मुलाकात भी की थी. इसके बाद तत्कालीन विदेश मंत्री और अब दिवंगत नेता सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी. इसके बाद से सरकार के किसी मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है.  


पड़ोसी पहले की नीति पर हो रहा काम


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इन दिनों पड़ोसी प्रथम की नीति पर काम हो रहा है और इसी नीति पर हम आगे बढ़ रहे हैं. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 7 अक्टूबर से भारत दौरे पर आ रहे हैं. वो दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे. यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 6 अक्टूबर की शाम को भारत पहुंचेंगे और 7 अक्टूबर को राजकीय दौरा शुरू होगा. 


इजरायल-ईरान संघर्ष पर क्या है भारत का रुख?


एबीपी न्यूज़ के सवाल पर कि क्या भारत तनाव को कम करना का प्रयास करेगा? इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि ईरान-इजरायल तनाव में सभी पक्ष संयम से काम लें. इस हालात में आम लोगों की सुरक्षा आवश्यक है. सभी मामलों को बातचीत से सुलझाया जाए.


उन्होने आगे कहा कि पश्चिम एशिया के हालात पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. सभी मुद्दे डायलॉग और डिप्लोमेसी के जरिए हल होने चाहिए. उन्होंने ये भी बताया कि ईरान में लगभग 10000 भारतीय हैं, जिसमें 5000 स्टूडेंट्स हैं. इसके अलावा इजरायल में लगभग 30,000 भारतीय हैं.


पश्चिम एशिया मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने कुछ दिन पहले एक बयान जारी कर गहरी चिंता व्यक्त की थी. हमने कहा कि हिंसा और स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. हमने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान दोहराया था. हमारी राय में यह महत्वपूर्ण है कि यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले."


उन्होंने आगे कहा, "अभी तक, इजरायल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें चल रही हैं, इसलिए लोगों के पास विकल्प है कि वे चाहें तो निकल सकते हैं. परिवारों ने हमसे और हमारे दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन इस समय, हमारे पास कोई निकासी प्रक्रिया नहीं चल रही है. लेबनान में हमारे लगभग 3,000 लोग हैं, जिनमें से ज़्यादातर बेरूत में हैं. ईरान में, हमारे लगभग 10,000 लोग हैं, जिनमें से लगभग 5,000 छात्र हैं. इजरायल में, हमारे लगभग 30,000 लोग हैं जिनमें से ज़्यादातर कर्मचारी हैं."


जाकिर नाइक के मुद्दे पर क्या बोले रणधीर जायसवाल?


विदेश मंत्रालय के प्रवक्तान ने कहा कि जाकिर नाइक का पाकिस्तान में स्वागत होना निंदनीय है, लेकिन हमारे लिए कोई हैरानी की बात नहीं है. यह हमारे लिए आश्चर्य की बात नहीं है कि जाकिर नाइक भगोड़े को पाकिस्तान ने गले लगाया है, ये निराशाजनक और निंदनीय है.


(विशाल पांडे के इनपुट के साथ)


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