UPI: डॉलर की बादशाहत होगी खत्म! इंडोनेशिया में यूपीआई को लेकर भारत का बड़ा प्लान, रुपये में होगा लेन-देन
UPI In Indonesia: दक्षिण पूर्व की बड़ी अर्थव्यवस्था इंडोनेशिया भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है. बीते साल दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ 39 अरब डॉलर का व्यापार किया था.
UPI In Indonesia: हाल ही में यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार को लेकर डील के बाद अब भारत और इंडोनेशिया के बीच भी इस तरह का समझौता हो सकता है. दोनों देश रियल टाइम पेमेंट सिस्टम और स्थानीय मुद्रा में व्यापार की दिशा में एक दूसरे के साथ बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही इसे लेकर अच्छी खबर आ सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों की सरकारों के बीच डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है, जिससे यूपीआई और इसी तरह के दूसरे संसाधनों का इस्तेमाल हो सके.
भारत का इंडोनेशिया में प्लान
रविवार (15 मई) को गुजरात के गांधीनगर में शुरू हुई भारत-इंडोनेशिया आर्थिक और वित्तीय वार्ता में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने, वित्तीय सेवाओं और बुनियादी ढांचे के विकास आदि पर जोर रहा. पीटीआई के अनुसार, वार्ता की शुरुआत की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा, "भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञता विकसित की है तो यह सुविधाजनक और किफायती डिजिटल भुगतान के लिए समाधान प्रदान कर सकता है. यह इंडोनेशिया को अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है.”
बैठक के लिए भारत पहुंची इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मूल्यानी इंद्रावती ने कहा, दोनों देश डिजिटल टेक्नोलॉजी, केंद्रीय बैंकों के तहत भुगतान प्रणालियों और स्थानीय मुद्रा के उपयोग में सहयोग की संभावना पर चर्चा करेंगे.
दोनों देश अपनी करेंसी में कर सकेंगे व्यापार
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि इंडोनेशिया के साथ मुद्रा व्यवस्था यूएई की तरह ही सकती है. यानि भारतीय निर्यातक इंडोनेशियाई रुपये में व्यापार कर सकते हैं, जबकि इंडोनेशिया भारतीय रुपये में अपना पेमेंट हासिल कर सकता है.
इंडोनेशिया भारत का बड़ा बिजनेस पार्टनर
इंडोनेशिया भारत के नियमित व्यापारिक साझेदारों में से एक है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच पिछले साल लगभग 39 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. इंडोनेशिया 2022 में भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. यह द्वीप राष्ट्र आसियान क्षेत्र में उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार भी है और एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
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