नई दिल्लीः भारत हर साल 94.6 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है जिसमें से 40 प्रतिशत एकत्रित नहीं होता और 43 प्रतिशत का प्रयोग पैकेजिंग के लिए किया जाता है . इनमें से ज्यादातर एक बार इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक है. एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है.
यह अध्ययन ‘अन-प्लास्टिक कलेक्टिव’ (यूपीसी) की तरफ से किया गया है. यूपीसी प्रकृति से प्लास्टिक प्रदूषण कम करने की पहल है जिसमें अपनी इच्छा से कई साझेदार शामिल हैं.
अध्ययन में कहा गया, “पूरी दुनिया में 1950 के बाद से 8.3 अरब टन प्लास्टिक उत्पन्न किया गया और करीब 60 प्रतिशत कूड़ेदान में या प्रकृति में मिल जाता है.’’
अध्ययन नें कहा गया है, “भारत सालाना 94.6 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है जिसमें से 40 प्रतिशत एकत्रित नहीं होता और 43 प्रतिशत का इस्तेमाल पैकेजिंग के लिए किया जाता है जिनमें से ज्यादातर प्लास्टिक एक बार के इस्तेमाल के लायक होता है.”
एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ अभियान शुरू करेगी सरकार