लंदन: बीते बृहस्पतिवार को लंदन में एक भारत विरोधी मुहिम की शुरुआत की गई. इस मुहिम के तहत खालिस्तान की मांग की जा रही है और इसे बनाने के लिए जनमत संग्रह कराए जाने की बात कही गई है. पंजाब में सिखों का एक धड़ा लंबे सयम से इस मांग का समर्थक रहा है. ब्रिटेन में इस मांग से जुड़े सिख समूह 'सिख फॉर जस्टिस' ने कहा है कि वो इससे जुड़ा अपना पहला ग्लोबल मार्च ट्राफलगर स्क्वायर में निकालेंगे.


दुनिया भर के सिखों के भारत से मधुर संबंध
मामले पर विदेश मंत्री के प्रवक्ता रवीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा,  "मैंने इससे जुड़ी रिपोर्ट्स देखी है और मैं इस मामले को ब्रिटेन की सरकार के साथ उठाया है." कुमार ने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन ऐसी किसी बात को बढावा नहीं देगा जिससे नफरत फैलती हो और दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित होते हों. रवीश ने कहा कि ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में रह रहे सिखों के भारते से अच्छे संबंध रहे हैं और ऐसे समूह सिर्फ सांप्रदायिक नफरत फैलाने की नीयत से काम कर रहे हैं.





2020 तक भारत को तोड़ने का है प्लान
'सिख फॉर जस्टिस' का कहना है कि वो 2020 तक इस जनमत संग्रह के कराए जाने की मांग करेंगे जिसके साहरे भारत के पंजाब में खालिस्तान का जन्म हो सके. उनका मानना है कि इसके सहारे दुनियाभर में रह रहे 30 मिलियन यानी तीन करोड़ सिखों को अपना घर मिल सकेगा. इस समूह का कहना है कि इससे जुड़े 14 और समूहों ने मिलकर पंजाब में जनमत संग्रह के लिए यूएन के जेनरल सेकेरेट्री और असिस्टेंट जेनरल सेकेरेट्री को एक मसौदा सौंपा है. ये मसौदा 2017 में ही सौंपा जा चुका है.