Rafale Marine Deal: 20 मिनट में इस्लामाबाद, 52 हजार फीट की ऊंचाई... राफेल नहीं, ये है नया राफेल मरीन
भारत के लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस का फ्रांस की ओर से जवाब आया है. फ्रांस से अधिकारियों की एक टीम नई दिल्ली पहुंची है. टीम ने भारतीय टेंडर के लिए बोली पेश की है. जल्द दोनों देशों के बीच डील फाइनल हो सकती है.
इंडियन नेवी आसमान के बाद अब समुद्र में अपना पहरा बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. इसके लिए भारत 26 राफेल मरीन जेट्स खरीदने की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि फ्रांस के साथ राफेल को लेकर जल्द डील पर मुहर लग सकती है. फ्रांस ने भारत के 26 मरीन राफेल खरीदने के टेंडर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ये राफेल विमान इंडियन नेवी के INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर तैनात होंगे. राफेल मरीन करीब 2205 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने में सक्षम है. ऐसे में यह दिल्ली से इस्लामाबाद की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय कर सकता है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने डिफेंस सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत के लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस का फ्रांस की ओर से जवाब दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि विदेशों में सैन्य उपकरणों की बिक्री से जुड़े फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम भारतीय टेंडर पर प्रतिक्रिया देने के लिए पेरिस से दिल्ली पहुंची है.
भारत ने फ्रांस को भेजा था लेटर ऑफ रिक्वेस्ट
सूत्रों ने बताया कि भारत इस डील के लिए फ्रांसीसी बोली का विस्तृत अध्ययन करेगा, जिसमें लड़ाकू विमान की कीमत, कमर्शियल ऑफर और कॉन्ट्रैक्ट की अन्य जानकारी भी शामिल होंगे. भारत अब फ्रांसीसी सरकार के अधिकारियों के साथ सौदे पर बातचीत करेगा, क्योंकि यह गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट है. एक महीने पहले ही भारत सरकार ने फ्रांस सरकार को लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजा था. लेटर ऑफ रिक्वेस्ट टेंडर दस्तावेज की तरह होता है, इसमें भारत सरकार ने उन सभी जरूरतों और क्षमताओं का जिक्र किया, जो वह विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए खरीदे जाने वाले राफेल समुद्री विमान में चाहती है.
भारतीय नेवी और भारत सरकार लड़ाकू विमानों की डील सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक मोड में काम कर रही है, ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में अत्यधिक आधुनिक विमानों की तैनाती की जा सके. इस साल जुलाई में पीएम मोदी फ्रांस में बैस्टिल डे परेड में स्टेट गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे. पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने लगभग 50 हजार करोड़ के विमान सौदे को मंजूरी दी थी.
राफेल मरीन की ये हैं विशेषताएं
- अगर भारत और फ्रांस के बीच ये डील हो जाती है, तो भारतीय नौसेना को चार ट्रेनर विमानों के साथ 22 सिंगल सीटेड राफेल मरीन विमान मिलेंगे. इन विमानों की तैनाती भारतीय नौसेना द्वारा आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर की जाती है. अभी नौसेना इसके लिए मिग -29 का इस्तेमाल करती है.
- आधुनिक राफेल मरीन 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है, इसे युद्धपोत पर तैनात करने के लिए ही बनाया गया है.
- राफेल मरीन करीब 2205 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है.
- राफेल मरीन में 30 मिलिमीटर की ऑटोकैनन गन लगी है. इसमें तीन तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह पर मार करने वाली सात तरह की मिसाइलें, एक परमाणु मिसाइल या फिर इनका मिश्रण लगा सकते हैं.
- राफेल-एम 50.1 फीट लंबा है. राफेल को 1 या 2 पायलट उड़ा सकते हैं. इसका वजन सिर्फ 15 हजार किलोग्राम है.
- राफेल मरीन की फ्यूल कैपेसिटी करीब 11,202 किलोग्राम है. यह ज्यादा देर तक डॉग फाइट में भाग ले सकता है.
- राफेल मरीन की कॉम्बैट रेंज 1850 किलोमीटर है. यानी यह लड़ाकू विमान ऑपरेशन एयरबेस से उड़ान भरकर इतनी दूरी स्थित टारगेट तो तबाह कर सकता है. इसकी फेरी रेंज 3700 किलोमीटर है. राफेल 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.