नई दिल्लीः जम्मू एयरपोर्ट पर एयर फोर्स के टेक्निकल एरिया पर दो दिन पहले हुए ड्रोन हमले के बाद हीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल का मामला उठाया है. भारत ने इस ओर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित करते हुए इस चुनौती से मिलकर निपटने का आह्वान किया है. 


संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए आंतरिक सुरक्षा के विशेष सचिव वी एस के कौमुदी ने कहा कि हथियारों की तस्करी, इंटेलीजेंस कलेक्शन, और टारगेट पर हमले के लिए आतंकियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल पूरी दुनिया के लिए खतरा है और आतंकी हमले के लिए ड्रोन का हथियार की तरह इस्तेमाल पर सभी देशों को ध्यान देने की ज़रूरत.


भारत ने इस पर भी ज़ोर दिया कि सीमा पार से हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल होता है. गौरतलब है कि दो दिनों पहले हीं जम्मू एयरपोर्ट के ATC और वहां पार्क MI17 जहाजों को निशाना बनाने के मकसद से आतंकियों ने ड्रोन हमले किए थे. हमले की जांच अब NIA कर रहा है और हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी गुट लश्कर ऐ तौयेबा का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है.


बता दें कि जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस बीच गृह मंत्रालय ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंप दी है. एनआईए ने जांच शुरू भी कर दी है और जम्मू कश्मीर पुलिस से इस केस में अभी तक हुई जांच के सभी दस्तावेज तलब किए हैं. एनआईए बहुत जल्द मामला दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाएगी. 


इस बीच एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से पता चला है कि हमले में हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल हुआ है. यह RDX या TNT हो सकता है. जांच में पता चला है कि हमले में इस्तेमाल ड्रोन को सीमा पार से ऑपरेट किया जा रहा था. एयरफोर्स स्टेशन को गूगल अर्थ पर देखा जा सकता है, इसलिए इलाके की रेकी करने का भी कोई मलतब नहीं है. 


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