नई दिल्ली: भारत ने सुरक्षा राष्ट्र परिषद में आतंकी संगठनों में बच्चों को भर्ती करने का मुद्दा उठाया है. सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी उप-प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद में नया ट्रेंड उभरकर सामने आ रहा है. आतंकी संगठन अपने नापाक इरादों के लिए अब बच्चों की भर्ती कर रहे हैं. आतंकी संगठनों के लिए बच्चों को फुसलाना सबसे आसान है. बात चाहे आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की हो, या फिर उन्हें ढाल के तौर पर इस्तेमाल करने की. सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि हमारी सोच है कि ऐसे आतंकी संगठनों की जल्द पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की है.


महामारी का इस्तेमाल आतंकवादियों की भर्ती के लिए
इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि वैश्विक स्तर पर जिन देशों को आतंकवाद का प्रायोजक माना जाता है उन्होंने कोविड-19 महामारी का इस्तेमाल आतंकवादियों की भर्ती और घुसपैठ की गतिविधियों के लिए किया ताकि 'आतंक के जहर' को फैलाया जा सके. इसके साथ ही भारत ने कहा कि भारत और अन्य देशों ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट के इस दौर में टीकाकरण अभियान चलाया और दूसरों की सहायता की.


संयुक्त राष्ट्र में भारत में स्थायी उप प्रतिनिधि नागराज नायडू ने सुरक्षा परिषद में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा: 2532 प्रस्ताव के क्रियान्वयन’ पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा था. नायडू ने कहा, “महामारी के दौरान भारत जैसे देशों ने जहां टीकाकरण अभियान चलाया और दूसरों की सहायता की, वहां ऐसे देश भी हैं जो आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं और घृणा की बातें बोल रहे हैं तथा मिथ्या प्रचार में लगे हैं.”


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