India Russia 2+2 Dialogue: 'टू प्लस टू मीटिंग' में चीन की हरकतों का छिड़ा जिक्र, इस अहम करार से 'ड्रैगन' को हो सकती है टेंशन
India Russia 2+2 Meeting News: टू प्लस टू मीटिंग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने एक साल से अधिक समय से अपनी उत्तरी सीमाओं पर अकारण आक्रामकता का सामना किया है.
India Russia 2+2 Meeting Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 21 वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में कहा दुनिया में कई भू-राजनीतिक परिवर्तन हुए हैं, लेकिन भारत-रूस दोस्ती बिना बदलाव के बरकरार है. दोनों ही देशों ने पुतिन और पीएम मोदी की मीटिंग से पहले "2+2" मंत्रिस्तरीय बैठक की. इस मीटिंग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने एक साल से अधिक समय से अपनी उत्तरी सीमाओं पर अकारण आक्रामकता का सामना किया है. इसके अलावा भारत के पड़ोस में 'असाधारण' सैन्यकरण और शस्त्रीकरण का मामला भी रक्षामंत्री ने इस मीटिंग में रखा. हालांकि रक्षामंत्री ने भरोसा जताया कि मजबूत राजनैतिक नेतृत्व के चलते भारत इन सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकता है.
भारत-रूस के बीच अहम करार
पिछले कई दशकों में, वैश्विक स्तर पर कई मूलभूत परिवर्तन हुए हैं. कई भू-राजनीतिक समीकरण बदल दिए गए थे, लेकिन इन सबके बावजूद, भारत-रूस मित्रता स्थिर रही. दोनों पक्षों ने न केवल एक-दूसरे के साथ सहयोग किया बल्कि एक दूसरे के साथ सहयोग भी किया. रूस के सहयोग के चलते ही देश के सैनिकों को जल्द ही एक बेहतरीन कलाश्निकोव राइफल मिलने जा रही है. ये असॉल्ट राइफल है रूस की एके-203. इस संबंध में सोमवार को भारत और रूस के बीच अहम करार हुआ है, जिसके तहत पांच लाख AK-203 राइफल्स का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु ने इस करार पर हस्ताक्षर किए.
'एक राइफल, श्रेष्ट राइफल'
भारत ने AK-203 निर्माण को 'एक राइफल, श्रेष्ट राइफल' की टैगलाइन दी है, क्योंकि ये दुनियाभर में प्रचलित रूस की सभी कलाश्निकोव राइफल्स में सबसे बेहतरीन गन में से एक है. अमेठी के पूर्ववर्ती कोरबा ओएफबी प्लांट में इन पांच लाख असॉल्ट राइफल्स का निर्माण होगा. इसके लिए दोनों देशों ने एक नई कंपनी तैयार की है, जो 'इंडिया रशिया राइफल्स प्राईवेट लिमिटेड' (ISRP) के नाम से जानी जाएगी. ये जॉइंट वेंचर रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कलाश्निकोव और भारत की भी दो नई कंपनी, एडवांस वैपेन्स एंड इक्यूपमेंट लिमिटेड (AWIL) और म्युनिशेंय इंडिया लिमिटेड (MIL) को मिलकर तैयार किया गया है. भारत की ये दोनों कंपनियां AWIL और MIL हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के विघटन के बाद रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत बनाई गई हैं.
क्या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
करार पर हस्ताक्षर करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लिए रूस के मजबूत समर्थन का भारत गहराई से सराहना करता है. हमें उम्मीद है कि हमारे सहयोग से पूरे क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी. मुझे खुशी है कि छोटे हथियारों और सैन्य सहयोग से संबंधित कई समझौतों, अनुबंधों और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए. हालांकि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एके-203 राइफल्स के निर्माण के लिए कोरबा प्लांट का उदघाटन कर दिया था, लेकिन तकनीकी कारणों से राइफल्स का उत्पादन शुरू नहीं हुआ था. यही वजह है कि भारत ने 70 हजार एके-203 राइफल सीधे रूस से खरीदी थीं. इसके अलावा 1.40 लाख सिगसोर राइफल्स भी अमेरिका से खरीदी गई थीं.
भारत-रूस के रिश्ते
राजनाथ सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि "आज नई दिल्ली में रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु के साथ रक्षा सहयोग पर उपयोगी और पर्याप्त द्विपक्षीय चर्चा हुई. भारत रूस के साथ अपनी खास और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को महत्व देता है." एके-203 राइफल 7.62x39 एमएम कैलिबर की राइफल है, जो पुरानी पड़ चुकी इंसास राइफल्स को 'रिप्लेस' करेंगी. एके-203 राइफल की रेंज करीब 300 मीटर है और ये काफी हल्की गन होने के बावजूद काफी मजबूत है. काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन में ये गन काफी कारगर साबित होगी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, AK-203 प्रोजेक्ट को बाई (ग्लोबल) के तहत हस्ताक्षर किया गया है और इससे उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन को मजबूती मिलेगी. साथ ही कच्चा माल और स्पेयर पार्ट्स के जरिए स्वदेशी एमएससएमई कंपनियों को भी बिजनेस की संभावनाएं भी पैदा होंगी.
पहली टू प्लस टू मीटिंग
सोमवार को भारत और रूस के बीच पहली टू प्लस टू मीटिंग हुई जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा दोनों के रक्षा मंत्रियों ने सालाना आईजीसी-एमएएमटीसी यानि इंटर गर्वमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री एंड मिलिट्री टेक्नीकल कॉपरेशन मीटिंग में हिस्सा लिया. इस दौरान दोनों देशों ने दस साल के लिए मिलिट्री टेक्नीकल कॉपरेशन समझौता (2021-2031) पर भी हस्ताक्षर किए.
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