Pakistan Removal from FATF Grey List: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की ग्रे लिस्ट (FATF Grey List) से पाकिस्तान (Pakistan) को बाहर किए जाने के मामले पर भारत (India) ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय (MEA) के सचिव संजय वर्मा (Sanjay Verma) ने कहा कि एफएटीएफ (FATF) की ग्रे सूची से पाकिस्तान के हटने का मतलब यह नहीं है कि वह जांच के दायरे में नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) एफएटीएफ प्रक्रिया और अन्य आतंकवाद रोधी मंचों (Counter-Terrorism Platforms) के जरिए देशों की जांच कर रहा है.


विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने यह बात मुंबई में आयोजित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद रोधी समिति (Counter Terrorism Committee) की विशेष बैठक से इतर कही. यह दो दिवसीय बैठक शुक्रवार (28 अक्टूबर)  को शुरू हुई थी. इस समिति में भारत (India) समेत 15 देश शामिल हैं.


विदेश मंत्रालय के सचिव ने क्या कहा?


विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर लगातार नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा, ''एफएटीएफ प्रक्रिया में निश्चित निरंतरता है. एक बार जब आप ग्रे सूची से बाहर हो जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप जांच के दायरे में नहीं हैं. मुझे विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एफएटीएफ प्रक्रिया और अन्य आतंकवाद रोधी मंचों के माध्यम से देशों की जांच करेगा और निश्चित रूप से हमने अपनी निगरानी बनाए रखी है और भविष्य में भी हम इसे जारी रखेंगे.''


संजय वर्मा ने यह बात मुंबई में कल (28 अक्टूबर को) चलाए गए साजिद मीर के ऑडियो टेप के सवाल के जवाब में कही, जिसमें उन्हें (मीर को) 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान चबाड हाउस पर हमले का निर्देश देते हुए सुना गया, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से हटने के बाद भारत आतंकवाद के उदय पर कड़ी नजर रखेगा.


संजय वर्मा ने आगे यह कहा


आतंकवादी जिस तरह से अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए नई और उभरती तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका मुकाबला कैसे हो, इस बारे में आयोजित आतंक निरोधी समिति की विशेष बैठक में संजय वर्मा ने कहा, ''आतंकवाद का मुकाबला संख्या या आंकड़ों के बारे में नहीं है, बल्कि इंसानों के बारे में है.'' 


उन्होंने कहा, ''इस बैठक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो साल के कार्यकाल के संदर्भ में देखा जाना चाहिए, जहां हमने आतंकवाद से मुकाबले करने के अपने एजेंडे को सबसे ऊपर रखा है. पिछले दो वर्षों में हमारे पास कई कार्यक्रम थे. दिसंबर में सुरक्षा परिषद की हमारी अध्यक्षता के दौरान एक हस्ताक्षर कार्यक्रम होगा लेकिन आज यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को इस आयोजन में विभिन्न गंभीर विषयों पर चर्चा करने का अवसर मिला है.''


UNSC बैठक को लेकर विदेश मंत्रालय के सचिव ने यह कहा


संजय वर्मा ने कहा, ''बैठक का उद्देश्य विकसित करना, आतंकवाद विरोधी नैरेटिव पर आगे बढ़ते रहना, अनुभवों को साझा करना और सामान्य मानकों की दिशा में काम करना है. उन्होंने शुक्रवार मुंबई में कहा, ''आतंकवाद का मुकाबला संख्या और आंकड़ों के बारे में नहीं है. यह लोगों के बारे में है क्योंकि हर आतंकी हमले के पीछे लागत मानवीय होती है और हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंक-रोधी समिति को भारत लाकर इन पहलुओं को उजागर करने की करने की कोशिश कर रहे हैं.''


मुंबई के होटल ताज महल में हुई बैठक


बता दें कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों ने मुंबई के होटल ताज महल पैलेस में आयोजित बैठक में हिस्सा लिया और आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. नवंबर 2008 में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों की टीम ने जिन जगहों पर हमला किया था, उनमें यह होटल भी एक था. भारत इस साल के अंत तक आतंकवाद रोधी समिति का नेतृत्व कर रहा है. भारत में यह दो दिवसीय बैठक 2015 के बाद पहली बार हुई है. अमेरिका में 11 सितंबर के आतंकी हमलों के बाद 28 सितंबर 2001 को काउंटर-टेररिज्म कमेटी गठित की गई थी. इस समिति में सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य शामिल हैं.


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