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Weather Updates: देश में चार महीने के मानसून के दौरान हुई सामान्य से ज्यादा बारिश - IMD
मानसून के दौरान 96-104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’, 104-110 प्रतिशत को ‘सामान्य से अधिक’ माना जाता है. इस साल 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामान्य बारिश हुई जबकि नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ज्यादा बारिश हुई.
नई दिल्ली: मौसम विभाग ने बताया है कि लगातार दूसरे साल देश में चार महीने के बारिश के मौसम के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। इस तरह पिछले 30 साल में तीसरी बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है. देश में तीन महीने जून (118 प्रतिशत), अगस्त (127 प्रतिशत) और सितंबर (104 प्रतिशत) बारिश हुई जबकि जुलाई (90 प्रतिशत) में औसत से कम बारिश हुई. इस तरह मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा यानि 109 प्रतिशत बारिश हुई.
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनडब्ल्यूएफसी) के वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने बताया, ‘‘1961-2010 के आंकड़ों के आधार पर औसतन 87.7 सेंटीमीटर बारिश की तुलना में इस साल एक जून से 30 सितंबर के दौरान 95.4 सेंटीमीटर बारिश हुई.’’
एक जून से 30 सितंबर तक होती है मानसून की अवधि
मानसून के दौरान 96-104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’, 104-110 प्रतिशत को ‘सामान्य से अधिक’ माना जाता है. इसके अलावा 110 प्रतिशत से ऊपर बारिश को ‘अतिवृष्टि’ और 90 प्रतिशत से कम को ‘सामान्य से कम बारिश’ माना जाता है. देश में मानसून की अवधि एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक होती है.
अच्छी बारिश से खरीफ फसल की बुआई को बढ़ावा मिला
दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की वार्षिक वर्षा में 70 प्रतिशत योगदान देता है. यह कृषि क्षेत्र के लिए काफी मायने रखता है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अच्छी बारिश से खरीफ फसल की बुआई को बढ़ावा मिला और किसानों ने पिछले सप्ताह तक 1,116.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,066.06 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई थी. क्षेत्र के हिसाब से मौसम विभाग के चार प्रभाग हैं. चार प्रभाग में पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत, मध्य भारत और दक्षिण भारत में औसत से ज्यादा बारिश हुई. उत्तरपश्चिम भारत में कम बारिश दर्ज की गयी.
19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामान्य बारिश हुई
इस साल 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामान्य बारिश हुई जबकि नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ज्यादा बारिश हुई. बिहार, गुजरात, मेघालय, गोवा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और लक्षद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश हुई. सिक्किम में अतिवृष्टि हुई. हालांकि नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में कम बारिश हुई. लद्दाख में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई.
जेनामणि ने कहा, ‘‘1990 के बाद हालिया वर्षों पर विचार करने पर 1994 में 112 प्रतिशत और 2019 में 110 प्रतिशत बारिश हुई. इन दोनों वर्षों में रिकॉर्ड बारिश के बाद इस साल सबसे अच्छी बारिश हुई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लगातार दो मानसून वर्ष में नौ प्रतिशत या इससे ज्यादा बारिश हुई. आंकड़ों से पता चलता है कि 1958 और 1959 में लगातार दो साल अच्छा मानसून रहा था जब क्रमश: 110 प्रतिशत और 114 प्रतिशत बारिश हुई थी.’’
मानसून 26 जून तक पूरे देश में पहुंच गया था
मानसून ने एक जून को केरल में दस्तक दी थी. चक्रवात निसर्ग से भी इसे आगे बढ़ने में मदद मिली. मानसून 26 जून तक पूरे देश में पहुंच गया. आम तौर पर आठ जुलाई तक मानसून पूरे देश में फैल जाता है. मानसून की देर से विदाई भी हुई. पश्चिम राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों से सामान्य तारीख की तुलना में 11 दिन बाद यानि 28 सितंबर को वापसी हुई.