भारत को मिला पहला राफेल विमान, 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर होगी विधिवत सेरेमनी
फ्रांस में भारत के उपवायुसेना प्रमुख डीआर चौधरी ने राफेल विमान लिया और उसमें उड़ान भी भरी. 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के दिन इसकी विधिवत सेरेमनी की जाएगी जब राजनाथ सिंह खुद फ्रांस में मौजूद रहेंगे.
नई दिल्ली: भारत को अपना पहला राफेल लड़ाकू विमान मिल गया है. फ्रांस में भारत के उपवायुसेना प्रमुख डी आर चौधरी ने राफेल विमान को दसॉ कंपनी से लिया और उसमें फ्लाईंग की. लेकिन इस हैंडओवर की विधिवत सेरेमनी भारत के वायुसेना दिवस यानी 8 अक्टूबर को होगी जब खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस में मौजूद रहेंगे.
जानकारी के मुताबिक, डी आर चौधरी ने गुरुवार को भारत के लिए बने राफेल विमान में उड़ान भरी. दरअसल, राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ (दसॉल्ट) से करार के अनुसार सितंबर 2019 तक पहला विमान सौंपना था इसीलिए ये विमान अभी सौंपा गया है. लेकिन भारत इस बार वायुसेना दिवस को राफेल के हैंडओवर सेरेमनी आयोजित कर खास बनाना चाहता है. क्योंकि दुश्मन से मुकाबले करने के लिए और अपनी लगातार घटती स्कॉवड्रन के चलते भारतीय वायुसेना को राफेल विमान की सख्त जरुरत है.
भारत ने साल 2016 में सितबंर के महीने में राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का करार किया था. ये करार 23 सितंबर 2016 को हुआ था और करार में कहा गया था कि कंपनी पहला विमान अगले 36 महीनों में बनाकर भारत को सौंप देगी. यही वजह है कि इस महीने की 23 तारीख से पहले दसॉ ने ये विमान बनाकर भारत को सौंप दिया है. करार के मुताबिक सभी 36 फाइटर जेट 66 महीनों में भारत को सौंप दिए जाएंगे.
बता दें कि राफेल सौदे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को जमकर निशाना बनाया था और पिछले आम चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाया था. लेकिन इन सब आरोपों के बावजूद मोदी सरकार ने लगातार इन आरोपों से इंकार किया था और चुनाव में बड़ी जीत हासिल की. सरकार का लगातार मानना है कि फ्रांस के साथ राफेल सौदा देश की ताकत बढ़ाने के लिए किया है. सौदा इसलिए महंगा (करीब 60 हजार करोड़) का हुआ क्योंकि भारत को मिलने वाले राफेल विमानों में अत्याधुनिक हथियार, मिसाइल और एवयोनिक्य लगे हैं जो फ्रांसीसी वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले राफेल में भी नहीं है.