लंदन में खालिस्तानी जमावड़े को मंजूरी पर भारत ने जताया ऐतराज़
सूत्रों के मुताबिक SFJ को पर्दे के पीछे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी भरपूर शह हासिल है. बीते साल पाकिस्तान में गुरुनानक देवजी के जन्मस्थान गुरिद्वारा ननकाना साहिब पर आयोजत जन्मोत्सव कार्यक्रम में 2020 तक पंजाब को भारत से अलग करने के SFJ के अभियान को लेकर पोस्टर लगाए गए थे.
लंदन: 12 अगस्त को लंदन में होने वाले खालिस्तान समर्थकों के जमावड़े London Deceleration के लिए आयोजन की इजाजत दिए जाने के खिलाफ भारत ने तीखा विरोध दर्ज कराया है. भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के राजदूत डोमनिक एस्क्विथ को तलब कर इस बाबत डिमार्श जारी है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक ब्रिटिश राजदूत को कहा गया है कि ब्रिटेन को भारतीय हितों के खिलाफ अपनी ज़मीन का इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए. ऐसे किसी कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए जिसका नकारात्मक प्रभाव भारत-ब्रिटेन संबंधों पर पड़े. पंजाब को भारत से अलग करने के लिए दुनियाभर में रेफरेंडम 2020 नामक अलगाववादी अभियान चलाने वाली संस्था सिख फ़ॉर जस्टिस(SFJ) ही खालिस्तानी कार्यक्रम लंदन डिक्लेरेशन का आयोजन कर रहा है.
भारतीय एजेंसियों के मुताबिक कार्यक्रम में खालिस्तानी आतंकी परमिंदर सिंह पम्मा समेत आतंकवादी घटनाओं के अनेक वांछित लोगों के शामिल होने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक अलगाववादी संस्था SFJ ने भारत के पंजाब से युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्पॉन्सरशिप लेटर भी जारी किए हैं. साथ ही उन्हें लंदन में 10 से 14 अगस्त तक मुफ्त रहने का प्रलोभन भी दिया जा रहा है.
SFJ ने इस कार्यक्रम का आयोजन ही भारत के 72वें स्वाधीनता दिवस के पहले अलगाववादी अपने एजेंडे पर समर्थन जुटाने के लिए किया है. ध्यान रहे कि ब्रिटेन में सिख अलगाववादियों को हासिल शरण दोनों देशों के रिश्तों में एक फांस हैं. बीते दिनों अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान खालिस्तान समर्थकों के हौसलों को हासिल शह का नज़ारा भी मिल गया जब पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगे भारतीय तिरंगे को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की मौजूदगी के बीच तार-तार कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक SFJ को पर्दे के पीछे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी भरपूर शह हासिल है. बीते साल पाकिस्तान में गुरुनानक देवजी के जन्मस्थान गुरिद्वारा ननकाना साहिब पर आयोजत जन्मोत्सव कार्यक्रम में 2020 तक पंजाब को भारत से अलग करने के SFJ के अभियान को लेकर पोस्टर लगाए गए थे. इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी व कनाडा में भारतीय राजनयिकों को सिख गुरुद्वारों में प्रवेश से रोकने की भी कुछ घटनाएं सामने आई थी.
हालांकि इन घटनाओं को भारतीय विदेश मंत्रालय छिटपुट वारदातें बताते हुए ज़्यादा तवज़्ज़ो देने को राजी नहीं है. मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार खटें हैं कि सिख बिरादरी पूरी दुनिया में फैली है और उसके संबंध भारत से भी अच्छे है और जिस देश में हैं उनसे भी बढ़िया है. लिहाज़ा जो भी विरोध की कुछ घटनाएं सामने आती हैं वो मज़ह हाशिए पर मौजूद लोगों का काम है.
बहरहाल, आधिकारिक तौर पर सरकार इन घटनाओं को ज़्यादा तवज़्ज़ो न दे लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियां लगातार इन संस्थाओं की करतूतों पर निगरानी रखती हैं. पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद की आग लगाने को लेकर पाकिस्तान से SFJ को मिल रही मदद और हमदर्दी के मामले में भरतीय खुफिया एजेंसियां अन्य देशों के साथ भी सूचना साझा करती रहती हैं.