India-Pak Crisis: ‘PAK जो बोएगा वही काटेगा’, आतंकियों की हत्या में इंडियन एजेंट्स का हाथ होने के आरोप पर भारत का पलटवार
Pakistan News: पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले के मास्टरमाइंड की 11 अक्टूबर 2023 को सियालकोट में हत्या कर दी गई थी, जबकि इससे पहले ढांगरी आतंकी हमले में शामिल रियाज अहमद की हत्या हुई थी.
India Pakistan Relation: भारत सरकार ने दो पाकिस्तानी आतंकियों की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार (25 जनवरी, 2024) को इन आरोपों को खारिज करते हुए पड़ोसी देश पर झूठे और भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने का भी आरोप लगाया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कड़े शब्दों में कहा, “पाकिस्तान जो बोएगा वही काटेगा." वह आगे बोले- हमने पाकिस्तान के विदेश सचिव की कुछ टिप्पणियों के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं. यह भारत विरोधी झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार को बढ़ावा देने का पाकिस्तान का नया प्रयास है. जैसा कि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का केंद्र रहा है.
'दूसरों को दोषी ठहराने का कोई औचित्य नहीं'
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान आतंकियों का अड्डा है जो कि आतंक और हिंसा की संस्कृति में भस्म हो जाएगा. पाकिस्तान जो बोएगा वही काटेगा. अपने कर्मों के लिए दूसरों को दोषी ठहराने का कोई औचित्य नहीं होता है और न ही समाधान होता है.”
पाकिस्तान ने किया था यह दावा
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश सचिव मुहम्मद साइरस सज्जाद काजी के उस दावे के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा, “पिछले साल क्रमशः सियालकोट और रावलकोट में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के विश्वसनीय सबूत मिले हैं.”
2023 में की गई थी दोनों आतंकियों की हत्या
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर 2016 में हुए हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की 11 अक्टूबर 2023 को सियालकोट की एक मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, इस घटना से पहले 1 जनवरी 2023 को जम्मू-कश्मीर में ढांगरी आतंकी हमले के मास्टरमाइंड्स में से एक रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम को रावलकोट में मस्जिद के अंदर गोली मार दी गई थी. इन्हें लेकर ही पाकिस्तान ने आरोप लगाया था. बड़ा सवाल यह है कि ये आरोप ऐसे समय में आए जब कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों ने भारत पर खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ उनकी धरती पर हत्या के प्रयासों का आरोप लगाया है.
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