Pakistan Out Of FATF Grey List: पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे (संदिग्ध) लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने रिएक्शन दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान के संदर्भ में लिए गए फैसलों को देखा है. हम समझते हैं कि पाकिस्तान एशिया प्रशांत समूह के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ अपनी व्यवस्था को मजबूत बनाएगा. 


विदेश मंत्रालय ने कहा, "FATF की कार्रवाई का दबाव था कि पाकिस्तान को कुख्यात आतंकियों के खिलाफ कुछ कदम उठाने पड़े. इसमें वह मुंबई हमले में शामिल रहे आतंकी भी हैं. यह वैश्विक हित में है और दुनिया को भी स्पष्ट रहे कि पाकिस्तान का अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से निकलने वाले आतंकवाद खिलाफ ठोस व कारगर कार्यवाही करना जरूरी है."


4 साल पहले ग्रे लिस्ट में डाला गया था पाकिस्तान


एफएटीएफ आतंकवादी वित्त पोषण और धन शोधन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था. वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमार को पहली बार अपनी ब्लैक लिस्ट में शामिल किया है. ब्लैक लिस्ट में उच्च जोखिम वाले उन क्षेत्रों को रखा जाता है, जहां कार्रवाई किए जाने की जरूरत है.


इसलिए ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को हटाया


FATF ने एक बयान जारी कर कहा कि वह धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के तंत्र में सुधार की दिशा में पाकिस्तान द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है. एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाने का फैसला लिया.


कार्य योजना में थे 34 प्वॉइंट


FATF ने कहा, “पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया है और रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उन तकनीकी कमियों को दूर किया है, जिनका जिक्र एफएटीएफ ने जून 2018 और जून 2021 में किया था. उसने संबंधित प्रतिबद्धताओं को तय समयसीमा से पहले पूरा किया है, जिसमें कुल 34 कार्य बिंदु शामिल थे.”


निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं अब पाक


एफएटीएफ ने कहा, “इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है. पाकिस्तान धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए एपीजी के साथ काम करना जारी रखेगा.” ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB) और यूरोपीय संघ (EU) से वित्तीय मदद हासिल करने की कोशिश कर सकता है.


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