India Reply on KP Sharma Oli Controversial Statement: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री (Nepal Ex-PM) केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के भारतीय हिस्सों (Indian Land) को अपना बताने के बाद भारत (India) ने जवाब दिया है. भारत ने कहा कि दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों (India Nepal Relations) को देखते हुए मुद्दे चर्चा (Discussion) और संवाद (Dialogue) से हल किए जाने चाहिए, न कि उनका राजनीतिकरण (Politicization) करना चाहिए. 


दरअसल, केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार (4 नवंबर) को दार्चुला (Darchula) में एक चुनावी रैली करते हुए भारत के लिपुलेख (Lipulekh) और कालापानी-लिम्पियाधुरा (Kalapani-Limpiyadhura) हिस्सों को अपना बताया था. उन्होंने भारत पर नेपाल के हिस्से कब्जाने का आरोप लगाया. ओली के भड़काऊ भाषण से उत्तेजित होकर कुछ नेपालियों ने भारत की तरफ पत्थर भी फेंके थे. 


भारत ने दिया ये जवाब


सूत्रों के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों ने कहा, ''इस मुद्दे पर भारत का नजरिया स्पष्ट है. नेपाल सरकार के साथ एक सामान्य समझ है कि दोनों पक्षों को हमारे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की भावना में चर्चा और संवाद के माध्यम से एक जिम्मेदार तरीके से सीमा मुद्दे को संबोधित करना चाहिए और ऐसे मुद्दों का राजनीतिकरण करने से बचने की जरूरत है.'' 


भारत की ओर से यह भी कहा गया, ''इसी साल अप्रैल में जब नेपाल के प्रधानमंत्री दिल्ली आए थे तब सीमा मुद्दे को लेकर संक्षिप्त चर्चा हुई थी. हालांकी, यह भावना बनी रही कि हमें इसे चर्चा और संवाद के माध्यम से संबोधित करना चाहिए.''


किसके इशारे पर ओली दे रहे ऐसे बयान?


उल्लेखनीय है कि नेपाल में 20 नवंबर को संसदीय चुनाव होने वाले हैं. ओली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन पर चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप लगते रहे हैं. शुक्रवार को जब उन्होंने चुनावी अभियान शुरू किया तो भारत-नेपाल सीमा के पास बेहद संवेदनशील क्षेत्र दार्चुला को इसके लिए चुना. 


दार्चुला आधा पश्चिमी नेपाल में हैं और आधा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हैं. भारत की तरफ वाला हिस्सा धारचूला कहलाता है. दोनों हिस्सों को काली नदी बांटती है. ओली ने चुनावी रैली में कहा कि 20 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव में अगर उनकी पार्टी जीतती है तो देश के उन हिस्सों पर फिर से दावा किया जाएगा, जिन्हें भारत अपना बताता है. केपी शर्मा ओली ने कहा, ''हम कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे.’’


ओली ने आगे यह कहा


नेपाली भाषा में जनसभा को संबोधित करते हुए ओली ने कहा, ''कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाल की  जमीन है, जिसमें भारत ने अतिक्रमण कर रखा है. हम भारत से अपनी अतिक्रमण की गई जमीन वापस लेंगे. हम आज फिर से इसकी गारंटी देना चाहते हैं कि राष्ट्रीयता के सवाल पर अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे.'' ओली ने यह भी कहा, ''हम पहले ही संसद में इस भूभाग को नेपाल के राजनीतिक नक्शे में शामिल कर चुके हैं.''


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