MEA on China: सियाचिन के पास चीनी गतिविधियों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि भारत शक्सगाम घाटी को अपना क्षेत्र मानता है. हमने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया है, जिसके माध्यम से पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस क्षेत्र को चीन को सौंपने का प्रयास किया था.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने शक्सगाम घाटी को लेकर लगातार अपनी अस्वीकृति व्यक्त की है. हमने जमीनी स्तर पर तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों के खिलाफ चीनी पक्ष के साथ अपना विरोध दर्ज कराया है. साथ ही हम अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं.


भारतीय जासूसों पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?


इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया से निष्कासित दो भारतीय जासूसों के बारे में भी टिप्पणी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "हमारे पास वास्तव में उन रिपोर्ट्स पर कोई टिप्पणी नहीं है. हम उन्हें अटकलबाजी रिपोर्ट के रूप में देखते हैं और हम उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं."






क्यों अहम है शक्सगाम घाटी


शक्सगाम घाटी रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का हिस्सा है. भारत हमेशा ही इस क्षेत्र को लेकर लगातार आवाज उठाता रहा है. बता दें कि बीते दिनों कुछ सैटेलाइट इमेज सामने आई थीं, इसमें पता चला था कि चीन PoK में सियाचीन ग्लेशियर के पास एक सड़क का निर्माण कर रहा है.


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