न्यूयॉर्कः कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के लगातार प्रयास के लिए उसकी निंदा करते हुए एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि ‘‘एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता.’’ भारतीय राजनयिक ने साथ ही कहा कि सुरक्षा परिषद का हर सदस्य देश भी इस मामले को द्विपक्षीय मानता रहा है, जिसे दोनों देशों को मिलकर सुलझाना चाहिए.


पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीयकरण करना नई बात नहीं


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने पीटीआई से कहा, ‘‘पाकिस्तान ने जो दावा किया है उसके विपरीत उसने जम्मू कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा बनाने का प्रयास किया. पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करना कोई नई बात नहीं है.’’


त्रिमूर्ति ने साथ ही कहा, ‘‘एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता.’’


सुरक्षा परिषद भी मानता है द्विपक्षीय मसला


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावे के विपरीत तीन मौकों को छोड़ दें तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पिछले 55 साल में सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है. त्रिमूर्ति ने कहा कि इससे पहले बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई थी.


भारतीय राजनयिक ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा परिषद में खासकर हर देश इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएगा.


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