Dasu Bus Blast Probe: चीन के इंजीनियरों को ले जा रही बस पर हमले को लेकर पाकिस्तान के आरोपों का भारत ने जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान चाल चल रहा है.


उन्होंने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान की ओर से भारत की छवि खराब करने का एक और प्रयास है ताकि क्षेत्रीय अस्थिरता का केंद्र एवं प्रतिबंधित आतंकवादियों का पनाहगाह होने में उसकी भूमिका से अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांटा जा सके. ’’


बागची ने कहा, ‘‘दासु की घटना को लेकर हमने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बेतुके बयान को देखा है . भारत अंतराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है. जहां तक आतंकवाद की बात आती है कि वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान की विश्वसनीयता का पता है.’’






पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले महीने एक बस पर हुए आत्मघाती हमले के पीछे भारत और अफगानिस्तान का हाथ था.


बता दें कि हमले में नौ चीनी इंजीनियर सहित 13 लोग मारे गये थे. यह हमला 14 जुलाई को ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में हुआ था, जहां एक चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली पनबिजली परियोजना पर काम कर रही है. बस जब चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को लेकर निर्माणधीन दासु बांध के स्थल पर जा रही थी तभी उसमें विस्फोट हो गया और गहरे नाले में गिर गई थी.


जांच पूरी होने के बाद इस्लामाबाद में शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अफगान के भू-भाग का इस्तेमाल किया गया और हमले में इस्तेमाल किया गया वाहन अफगानिस्तान से तस्करी कर लाया गया था. उन्होंने हमला करने का आरोप भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अफगानिस्तान के नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) पर लगाया. कुरैशी ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे दो एजेंसियों की सांठगांठ है.  


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