(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए फिर शुरू की वीजा सर्विस, केवल इन लोगों को मिलेगी सुविधा
India-Canada Issue: खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा से जारी विवाद के बीच भारत ने बिजनेस, मेडिकल और कॉन्फ्रेंस से जुड़े काम के लिए फिर से वीजा सेवा शुरू कर दी है.
India-Canada Row: खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद जारी है. इस बीच भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा फिर से बुधवार (25 अक्टूबर) को शुरू कर दी.
कनाडा के ओटावा में मौजूद भारत के उच्चायोग (High Commission of India) ने सोशल मीडिया एक्स पर बताया कि वीजा सेवा- प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा की श्रेणी में ही शुरू किया गया है.
उच्चायोग ने आगे बयान में कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई तौर पर वीजा देने पर पहले रोक लगाई गई थी. ऐसे में सुरक्षा स्थिति रिव्यू करने के बाद वीजा सर्विस दोबारा से शुरू की गई है. ये फैसला गुरुवार (26 अक्टूबर) से लागू होगा.
The latest Press Release on resumption of visa service may be seen here. @MEAIndia @IndianDiplomacy @PIB_India @DDNewslive @ANI @WIONews @TOIIndiaNews @htTweets @cgivancouver @IndiainToronto pic.twitter.com/iwKIgF2qin
— India in Canada (@HCI_Ottawa) October 25, 2023
कनाडा ने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हाल ही में कहा था कि भारत में कनाडा के राजनयिक ज्यादा हैं तो ऐसे में संतुलन बनाने की जरूरत है. ये लोग हिंदुस्तान के आतंरिक मामलों में दखल भी देते हैं. ऐसे में हम जल्द ही राजनयिकों को देने वाली छूट वापस लेंगे.
इसके बाद कनाडा को अपने 41 डिप्लोमैट को वापस बुलाना पड़ा. साथ ही कनाडा ने कहा था कि ये अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को उल्लंघन है. इसपर बागची ने कहा था कि ये सब वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 11.1 के तहत हुआ है.
कनाडा और भारत में कैसे विवाद शुरू हुआ?
हाल ही में कना़डा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि निज्जर के मर्डर में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है. इसपर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ट्रूडो के सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
ये भी पढ़ें- India-Canada Tension: 'आंतरिक मामलों में देते हैं दखल', कनाडा के 41 राजनयिकों के भारत से जाने पर बोला विदेश मंत्रालय