India On UNSC Reform: भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की मांग उठता रहा है. भारत ने एक बार फिर यूएनएससी में चीन को जमकर फटकार लगाया. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यूएनएससी के नियमों में बदलाव को लेकर मुद्दा उठाते हुए कहा कि यहां ग्लोबल साउथ के देश बिना सीट और अधिकार के आते-जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस रवैये को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
अब बदल गया समय- रुचिरा कंबोज
रुचिरा कंबोज ने कहा, "यूएनएससी के मौजूदा स्थायी सदस्य का चुनाव 20वीं सदी की राजनीति की वजह से हुआ था, अब समय बदल गया है." भारत ने यूएनएससी सुधारों पर यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस (UFC) मॉडल की आलोचना करते हुए कहा कि यह अफ्रीका या वैश्विक दक्षिण देशों को सशक्त नहीं करेगा या स्थायी सीट सदस्यता में अड़ंगा बनेगा.
UFC करता है बदलाव का विरोध
भारत प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यह भी पूछा कि UFC मॉडल ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधिमंडलों को गैर-स्थायी सीटों की श्रेणी में कैसे शामिल करता है. यूएफसी में 12 देश और दो ऑब्जर्वर हैं, जिसमें चीन भी शामिल है. यही वो ग्रुप है, जो यूएनएससी में किसी भी तरह के बदलाव का विरोध करता है. भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील की ओर से जी-4 देशों का एक ग्रुप बनाया गया, जो यूएनएससी में बदलाव की बात करता है.
रुचिरा कंबोज ने यूएफसी के ऑब्जर्वर चीन की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आज का समय 20वीं सदी की राजनीतिक के हिसाब से बहुत बदल गया है. रुचिरा कंबोज ने कहा कि यूएनएससी में सुधार की प्रक्रिया पर UFC वीटो लगाता रहता है. यूएनएसी के पांच स्थायी सदस्य में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल है, जिसमें चीन हर बार भारत के विरोध में खड़ा होता है. बाकी के चार देश भारत का समर्थन करते हैं.
रुचिरा कंबोज ने विकसित भारत की बात की
रुचिरा कंबोज महिलाओं के नेतृत्व वाली विकास पहलों पर जोर देते हुए कहा कि देश का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का है, जिसके लिए सभी क्षेत्रों में उनकी की पूर्ण और समान भागीदारी की आवश्यकता है. महिलाओं की स्थिति पर 68वें वार्षिक आयोग के मौके पर भारत की ओर से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं, जहां महिलाएं खुद से सशक्त हों.
(इनपुट आईएएनएस से भी)