भारत-रूस के बीच वार्षिक सम्मेलन रद्द होने पर बोले राहुल गांधी- 'भविष्य के लिए होगा घातक'
भारत और रूस के बीच वार्षिक सम्मेलन साल 2000 से ही होता आ रहा है, जब भारत-रुस सामरिक साझेदारी घोषणा पर दोनों पक्षों की तरफ से दस्तखत किए गए थे.
दो दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत और रूस के बीच वार्षिक सम्मेलन नहीं हो रहा है. ऐसा तब हुआ जब नई दिल्ली के इंडो-पैसिफिक इनिशिएटिव, क्वाड ज्वाइन करने और अमेरिका की तरफ झुकाव को लेकर मॉस्को ने गंभीर आपत्ति दर्ज की है. भारत और रूस के बीच वार्षिक सम्मेलन साल 2000 से ही होता आ रहा है, जब भारत-रुस सामरिक साझेदारी घोषणा पर दोनों पक्षों की तरफ से दस्तखत किए गए थे. ये सामरिक साझेदारी को लेकर सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है.
राहुल बोले- भविष्य के लिए होगा घातक
इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-रुस वार्षिक सम्मेलन रद्द होने पर गहरी निराशा व्यक्त की है. राहुल ने कहा- रूस, भारत का एक महत्वपूर्ण दोस्त है. पारंपरिक संबंध को नुकसान हमारी अदूरदर्शिता है और यह भविष्य के लिए घातक होगा.
Russia is a very important friend of India.
Damaging our traditional relationships is short-sighted and dangerous for our future. pic.twitter.com/U5VyFWeS6L — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 23, 2020
सरकार ने दिया कोरोना का हवाला
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन ना होने को लेकर कोविड-19 का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यह दोनों सरकारों के बीच आपसी सहमति से लिया गया फैसला है. कोई भी अन्य प्रतिरूपण गलत और भ्रामक है. महत्वपूर्ण संबंधों में झूठी स्टोरी चलाना खासकर गैर-जिम्मेदाराना भी है.
India-Russia Annual Summit didn't take place in 2020 due to COVID pandemic. This was a mutually agreed decision between the two govts. Any imputation otherwise is false and misleading. Spreading false stories in important relationships is particularly irresponsible: MEA Spox pic.twitter.com/K66gZ2JpO3
— ANI (@ANI) December 23, 2020
पाकिस्तान के साथ संबंधों पर रूस बोला- चिंतित न हो भारत
रूस ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों के बारे में भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए. हालांकि, उसने यह भी कहा कि मास्को इस्लामाबाद के साथ संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य है.
रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध ‘‘स्वतंत्र’’ प्रकृति के हैं और उनकी सरकार अन्य देशों की संवेदनशीलता के सम्मान को लेकर भी सचेत है. मीडिया ब्रीफिंग में जब बाबुश्किन से पाकिस्तान के साथ रूस के सैन्य अभ्यासों और व्यापार सहयोग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि भारत को चिंतित होने की जरूरत है.’’
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