America on India Russia Relations: पिछले दिनों संपन्न हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे को लेकर अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इस बार इस दौरे को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि भारत का रूस के साथ पुराना रिश्ता है, यह सबको पता है.
मैथ्यू मिलर ने आगे कहा कि हमने भारत को रूस के साथ अपने पुराने रिश्ते और अपनी अद्वितीय स्थिति का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति पुतिन से उनके अवैध युद्ध को समाप्त करने और इस संघर्ष में एक न्यायपूर्ण शांति, स्थायी शांति स्थापित करने का आग्रह करने को कहा.
अमेरिका ने माना, भारत हमारा महत्वपूर्ण साझेदार
मैथ्यू मिलर का कहना है कि अमेरिका ने भारत से ये भी कहा कि वह पुतिन पुतिन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के लिए कहने को भी प्रोत्साहित किया था. रूस के साथ संबंधों की बात करें तो भारत सरकार हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है.
अमेरिकी राजदूत ने की थी ये टिप्पणी
बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि मैं इस बात का सम्मान करता हूं कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता (अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने की नीति) पसंद करता है. युद्ध के समय रणनीतिक स्वायत्तता जैसी कोई चीज लागू नहीं होती है. हालांकि इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध बहाल करने की भी बात भी की थी. उन्होंने कहा था, "भारत-अमेरिका को जरूरत के समय मिलकर रहना चाहिए. इस रिश्ते को हल्के में न लिया जाए."
11 जुलाई को दी थी भारत को सावधान रहने की सलाह
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी 8-9 जुलाई को आयोजित 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पिछले दिनों रूस गए थे. इस दौरे के बाद से ही अमेरिकी प्रतिक्रिया आने लगी थी. भारत में अमेरिकी के राजदूत एरिक गार्सेटी ने दिल्ली में 11 जुलाई 2024 को हुई यूएस-इंडिया डिफेंस न्यूज कॉन्क्लेव में भारत को रूस से सावधान रहने की सलाह भी दी थी.