India-Russia Relations: विदेश मंत्रालय ने शनिवार (30 दिसंबर) को कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूस यात्रा ने पहले से जारी द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है. जयशंकर 25 से 29 दिसंबर तक रूस के दौरे पर थे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का निमंत्रण भी दिया.
इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और उप-प्रधानमंत्री एवं उद्योग व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ चर्चा की. उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की.
वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर साझा किए विचार
विदेश मंत्री ने व्यापार और आर्थिक मुद्दों, ऊर्जा, रक्षा, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक संबंधों, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया. उन्होंने बहुपक्षीय सहयोग सहित वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी अपने विचार साझा किए.
उनकी रूस यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (Kudan Kulam Nuclear Power Plants) से संबंधित 3 दस्तावेजों, औषधि और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन तथा विदेश कार्यालय परामर्श पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत-रूस संबंध रणनीतिक, भूराजनीतिक हितों और दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के आधार पर मजबूत एवं स्थिर बने हुए हैं.'
'भारत-रूस के बीच अब तक हो चुके 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन'
एस जयशंकर ने बुधवार (27 दिसंबर) को क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का निमंत्रण दिया. पुतिन ने जयशंकर से कहा, 'हमें अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी.' अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं. पिछली समिट दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुई थी.
'यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भी भारत-रूस संबंध मजबूत'
यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध के बावजूद भारत-रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे हैं. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और वह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. एस जयशंकर ने रूसी थिंक टैंक/शिक्षाविदों के साथ भी बातचीत की और भारतीय विदेश नीति के परिप्रेक्ष्य के साथ-साथ रूस-भारत संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा
अपने रूसी दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सेंट पीटर्सबर्ग में गवर्नर अलेक्जेंडर बेगलोव से भी मुलाकात की और आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की. उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग विश्वविद्यालय (Saint Petersburg University) में विविध वर्ग के भारतविदों (Indologists) के साथ चर्चा की.
रूस के इस सरकारी स्कूल में पढ़ाई जाती है हिंदी
इस दौरान दोनों देशों के बीचे विकास की प्रत्यक्ष समझ और सराहना को कैसे बेहतर बनाया जाए और बढ़ाया जाए, इसको लेकर विचारों का आदान-प्रदान हुआ. उन्होंने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर स्कूल नंबर 653 में शिक्षकों और छात्रों के साथ भी बातचीत की. यह रूस का एक प्रमुख सरकारी स्कूल है जो अपने नियमित पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में हिंदी पढ़ाता है.