नई दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत (India) की प्रचंड जीत ने विकसित देशों को उसके मुद्दों के आगे झुकने के लिए मजबूर किया. विकासशील देशों (Developing Countries) और विकसित देशों (Developed Countries) में चर्चा के बाद, मंत्रिस्तरीय बैठक को मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, विश्व व्यापार संगठन सुधार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण पर मसौदा मुद्दों पर विचार करने के लिए मजबूर किया. समझौते में भारत के कुछ मुद्दों को शामिल किया गया है. यह भारत के साथ-साथ विकासशील देशों के लिए भी एक बड़ी जीत है.


भारत ने इन मुद्दों पर जताई नाराजगी
भारत ने खाद्य सुरक्षा और मत्स्य पालन में विकसित देशों की भूमिका पर खुलकर नाराजगी जताई थी. वहीं विकसित देशों ने ट्रिप्स पेटेंट की शर्तों को खत्म कर दिया था. दूसरी ओर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया कि मत्स्य पालन समझौते का मसौदा भारत को स्वीकार्य नहीं था. इस बीच सम्मेलन को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया था और कुछ मुद्दों पर कथित तौर पर सहमति हुई थी.


विश्व खाद्य कार्यक्रम, ई-कॉमर्स, अवैध मछली पकड़ने और निचले स्तर पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध को लेकर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में एक समझौता पारित किया जा सकता है. वहीं कहा जा रहा है कि मछली पकड़ने के कारोबार में मछुआरों और महिलाओं को सब्सिडी देने पर कोई रोक नहीं है. ट्रिप्स को पेटेंट छूट होने की उम्मीद थी. पता चला है कि इस मामले में भी कुछ मुद्दों को समझौते में शामिल किया गया था. कोई भी पेटेंट हस्तांतरण के बिना उत्पादन और यहां तक कि निर्यात कर सकता है, कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं हैं, सूत्रों ने बताया.


डब्ल्यूटीओ मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "भारत को विश्वास है कि यह लंबे समय में सबसे सफल डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों में से एक होगा."


भारत ने किया विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व
डब्ल्यूटीओ सम्मेलन में भारत वार्ता के केंद्र में था. विकासशील देशों (Developing Countries) का भारत द्वारा जोरदार प्रतिनिधित्व किया गया था. नतीजतन, विकसित देशों को कई मसौदों में भारत की भूमिका पर विचार करना पड़ा है. एक तरह से, भारत अपने एमएसएमई, किसानों और मछुआरों के लिए विश्व स्तर पर खड़ा था. साथ ही, वैश्विक स्तर पर गरीबों और कमजोरों की आवाज मजबूत हुई है. इसलिए, यह स्पष्ट है कि विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के अंतिम मसौदे पर भारत की मुहर भारत (India) की जीत है.


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