नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात नर्सों के प्रति आभार जताते हुए बुधवार को कहा कि स्वस्थ भारत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उत्कृष्ट है.


मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कड़ी मेहनत करने वाली देश की नर्सों के प्रति आभार जताने का दिन है. एक स्वस्थ भारत के प्रति उनका कर्तव्य, जज्बा और प्रतिबद्धता उत्कृष्ट है.’’




फ्लोरेंस नाइटिंगेल के की याद में मनाया जाता है इंटरनेशनल नर्स डे  
हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है. इसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल विश्व की पहली नर्स थीं. उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल की थी. यही वजह है कि उन्हें 'लेडी विद द लैंप' भी कहा जाता है. इस साल का थीम 'ए वॉयस टू लीड- ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर' पर आधारित है. 


'लेडी विद द लैंप' के नाम से मिली पहचान 
नाइटिंगेल खुद की परवाह किए बिना मरीजों की निस्वार्थ भाव से सेवा की. उन्हें ट्रिब्यूट देने के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है. एक मोर्चे पर उन्होंने कई महिलाओं को नर्स की ट्रेनिंग दी तो दूसरी तरफ सैनिकों का इलाज भी किया. इस तरह अपनी सेवा भाव के जरिए विक्टोरियन संस्कृति में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी. उन्हें 'लेडी विद द लैंप' के नाम से पहचान मिली. फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था. साल 1965 में इस दिन को पहली बार उत्सव के रूप में मनाया गया था. इस दिन उत्कृष्ट काम करनेवाली नर्सों को पुरस्कृत किया जाता है.


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