नई दिल्लीः देश के महत्वकांक्षी चंद्रमिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 9 से 16 जुलाई के बीच होगा. इस बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दी. इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 में 3 मॉड्यूल आर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) लगे होंगे.


चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए भेजा जाएगा. इसके जरिए आर्बिटर और लैंडर को धरती की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जिसके बाद उसे चांद की कक्षा में पहुंचाया जाएगा. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर निकलकर चांद की धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.





बता दें कि चंद्रयान-2 के कुछ टेस्ट पूरे न हो पाने के कारण इसको लॉन्च नहीं किया जा सका था. इससे पहले दो बार एजेंसी ने मिशन लांच की तिथि स्थगित कर दी थी.


मिशन के लांच की लागत पर 200 करोड़ रुपये और अन्य कार्यो पर 600 करोड़ रुपये का खर्च आने की बात कही गई है. इस मिशन की खासियत यह है कि इसके निर्माण और उपयोग में आने वाली सामग्री पूरी तरह स्वदेशी होगी और इसीलिए इसका खर्च काफी कम है.


मिशन के दौरान एक लैंड रोवर और जांच उपकरण से युक्त यान चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और उसकी सतह पर मौजूद मिट्टी व पानी के नमूने एकत्र करेगा.


भारत ने चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को लांच किया था, जिसके एक दशक बाद 800 करोड़ रुपये की लागत से चंद्रयान-2 को लांच करने जा रहा है.


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