Terrorist Threats: भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी साजिशों के पीछे के सरगनाओं को उनकी करतूतों के लिए जिम्मेदार ठहराए और उनकी धमकियों को धत्ता बताए. भारत ने कहा कि यह भी ‘समान रूप से आवश्यक’ है कि उन्हें खुद को आतंकवाद के पीड़ित के रूप में दिखाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का मौका ना दिया जाए.
आतकंवाद निरोधी समिति (CTC) में आतंकवाद निरोधी समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) पर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के सदस्यों देशों के कामकाज पर भारत के राष्ट्रीय बयान (आधकारिक बयान) में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूतावास के काउंसलर राजेश परिहार ने कहा कि दुनिया ने 2008 मुंबई आतंकवादी हमला, 2019 पठानकोट आतंकवादी हमला और 2019 पुलवामा आतंकवादी हमले की त्रासदी देखी है.
सरगनाओं का लगना चाहिए पता
उन्होंने कहा, ‘‘यह समान रूप से जरूरी है कि इन आतंकवादी हमलों की साजिश करने वाले सरगनाओं का पता लगाया जाए और उन्हें स्वयं को आतंकवाद पीड़ित बताकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का अवसर ना दिया जाए. हमें उनकी धमकियों को धत्ता बताकर उन्हें उनकी करतूतों के लिए जिम्मेदार ठहराना होगा.’’
पीड़ित को नहीं मिला है न्याय
पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को पता है कि इन हमलों के सरगना कहां से आते हैं. यह निराशाजनक है कि इन कायराना हमलों के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है और इसके षड्यंत्रकारी, जिम्मेदार और वित्त पोषण करने वाले आजाद घूम रहे हैं और उन्हें अभी भी राज्य का समर्थन और मेजबानी मिल रही है. ’’
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