India on Gaza: इजरायल की सेना गाजा में चरमपंथी संगठन हमास के खिलाफ लगातार एक्शन ले रही है. गाजा पट्टी में पिछले साल अक्टूबर से ही हमास के ठिकानों को इजरायली सेना के जरिए नेस्तनाबूद किया जा रहा है. हालांकि, इस जंग में आम लोगों को भी जान गंवानी पड़ रही है. भारत ने मिडिल ईस्ट में चल रहे इस संघर्ष की कड़े शब्दों में निंदा की है. भारत का कहना है कि संघर्ष की वजह से इस क्षेत्र में पैदा हुआ मानवीय संकट पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन पर बुलाए गए आपातकालीन विशेष सत्र में भारत की यूएन में स्थायी प्रतिनिध रुचिरा कंबोज ने कहा, "गाजा में सात महीने से ज्यादा समय से संघर्ष चल रहा है. इससे पैदा हुआ मानवीय संकट बढ़ता ही जा रही है. इसकी वजह से क्षेत्र और उसके बाहर भी अस्थिरता बढ़ने की संभावना है. इस विषय पर हम यूएनएससी के जरिए अपनाए गए प्रस्ताव 2728 को एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखते हैं."
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सभी करें सम्मान: भारत
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रुचिरा कंबोज ने यूएन में कहा, "संघर्ष को लेकर एक से ज्यादा बार हमारे नेतृत्व ने भारत की स्थिति को स्पष्ट किया है. इसमें पहला ये है कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से बड़े पैमाने पर नागरिकों के जीवन को नुकसान हुआ है, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों का. इसकी वजह से पैदा हुआ मानवीय संकट बिल्कुल अस्वीकार्य है. हम संघर्ष में जा रही जानों की निंदा करते हैं. अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का सभी को सम्मान करना चाहिए."
इजरायल पर हमले की करते हैं निंदा, बंधकों की हो रिहाई: भारत
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिध ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए आतंकी हमले को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा, "7 अक्टूबर को इजरायल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे. हम उसकी स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं. आतंकवाद और बंधक बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता." उन्होंने आगे कहा, "भारत का आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दीर्घकालिक और समझौता न करने वाला रुख है. हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं."
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