उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘निर्बाध और बेरोक-टोक राजनयिक संपर्क और संबद्ध दस्तावेजों के अभाव में, एक अंतिम उपाय के तहत, भारत ने 18 जुलाई को एक याचिका दायर करने की कोशिश की.''
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हालांकि, हमारे पाकिस्तानी वकील ने सूचना दी कि पावर ऑफ अटॉर्नी और जाधव के मामले से जुड़े सहायक दस्तावेजों के अभाव में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की जा सकती.’’
पाकिस्तान ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि अपनी मौत की सजा के खिलाफ जाधव द्वारा एक पुनर्विचार याचिका दायर करने की अंतिम तारीख 20 जुलाई है. उन्हें यह सजा पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने सुनाई थी.
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (50) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया करने की इजाजत देने से पाकिस्तान के इनकार करने पर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया था और उनकी मौत की सजा को चुनौती दी थी.
आईसीजे ने जुलाई 2019 में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धित एवं सजा की अवश्य ही प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए तथा बगैर विलंब किये भारत को उन्हें राजनयिक मदद उपलब्ध कराने दिया जाए.
Exclusive: एक बार फिर आईसीजे की चौखट पर पहुंचेगी कुलभूषण जाधव मामले की कानूनी लड़ाई!