India Slams China on Terrorist Abdul Rehman Makki: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर दोहरे रवैये के लिए चीन को लताड़ लगाई है. चीन की ओर से आतंकी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को ग्लोबल आतंकी (Global Terrorist) नामित करने में अड़ंगा लगाने के बाद भारत ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ चीन (China) का दोहरा मापदंड है. आतंक (Terrorism) का मुकाबला करने का चीन का दावा खोखला है. चीन ने पाकिस्तान स्थित आंतकवादी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकी सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को रोक दिया है. जिसके बाद ये भारत के लिए एक तरह से झटका है.
भारत और अमेरिका (India and America) पहले ही संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के डिप्टी चीफ मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि ये पहली बार नहीं है जब चीन ने एक कुख्यात आतंकवादी की प्रस्तावित सूची को 'टेक्निकल होल्ड पर रखने के लिए अपने वीटो का इस्तेमाल किया है.
आतंकवाद पर भारत ने लगाई चीन को लताड़
चीन ने इससे पहले भी वैश्विक आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर, पाकिस्तान स्थित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के रूप में नामित करने के प्रस्तावों को अवरुद्ध किया था. सरकारी सूत्रों ने मक्की के खिलाफ भारी सबूतों को देखते हुए चीन के फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ दोहरा मानक बताया है. सूत्रों के मुताबिक भारत ने कहा है कि चीन को अपनी प्रतिक्रिया पर विचार करना चाहिए जो आतंकवाद का मुकाबला करने पर दोहरे मानकों का संकेत देता है.
चीन ने चला दांव
भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से 1 जून को मक्की को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा था. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, मक्की लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जमात उद-दावा (जेयूडी) के राजनीतिक मामलों का उप प्रमुख है, जो कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. भारत और अमेरिका की साझा कोशिशों के खिलाफ सुरक्षा परिषद (Security Council) में चीन ने टेक्निकल होल्ड (Technical Hold) का दांव चला.
कई आतंकी हमलों में लश्कर का हाथ
कहा जाता है कि आंतकवादी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के विदेश संबंध विभाग के प्रमुख के रूप में भी काम किया है और वह शूरा (शासी निकाय) का सदस्य होने के साथ-साथ जमात-उद-दावा की केंद्रीय और धर्म परिवर्तन करने वाली टीमों का सदस्य है. बता दें कि मुंबई 26/11 आतंकी हमला, लाल किला हमला 2000, रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमला 2008 की जिम्मेदारी भी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी.
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