नई दिल्ली: भारत ने बहुपक्षीय मंच सीआईसीए की डिजिटल बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर गुरुवार को पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए इस्लामाबाद को सीमापार आतंकवाद को ‘प्रत्यक्ष और परोक्ष’ समर्थन देना बंद करने का सुझाव दिया.


इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने एक और मंच का दुरूपयोग भारत के बारे में अपने गलत विचारों को व्यक्त करने के लिये किया.


गौरतलब है कि पाकिस्तान ने एशिया में सहभागिता एवं विश्वास निर्माण उपायों पर सम्मेलन (सीआईसीए) की मंत्रिस्तरीय बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. सीआईसीए 27 देशों का अंतर सरकारी मंच है. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया.


बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत के आंतरिक मामलों के बारे में टिप्पणी करने का पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है. मंत्रालय ने जोर दिया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.


मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की आज की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामले, सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में गंभीर हस्तक्षेप है, जो सीआईसीए घोषणा के मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है.


विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान को सुझाव देते हैं कि सीमापार से भारत में आतंकवाद को ‘प्रत्यक्ष और परोक्ष’ समर्थन देना बंद करे .


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