Ram Navami Violence Row: भारत ने रामनवमी हिंसा पर बयान के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार (4 अप्रैल) को कहा कि हम उनके बयान की कड़ी निंदा करते हैं. ये उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है. रामनवमी (Ram Navami) पर शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा को ओआईसी ने मुस्लिमों पर हमला बताया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रामनवमी जुलूस के दौरान कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ओआईसी केवल भारत विरोधी ताकतों की ओर से प्रभावित हो ऐसे बयान देकर अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है. ओआईसी के सामान्य सचिवालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि रामनवमी के जुलूसों के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा और बर्बरता पर चिंतित हैं.
बिहारशरीफ की घटना का किया था जिक्र
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने साथ ही 31 मार्च को बिहारशरीफ में एक भीड़ की ओर से मदरसे में आग लगाने का हवाला दिया और देश पर "इस्लामोफोबिया" का आरोप लगाया. पिछले सप्ताह रामनवमी के दौरान बंगाल, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में हिंसा भड़क गई थी. भारत ने ओआईसी की जम्मू और कश्मीर के अनुचित संदर्भों की भी आलोचना की है.
पाकिस्तान के मुद्दे को लेकर भारत ने लगाई फटकार
मानवाधिकार परिषद में जिनेवा में 31 मार्च को भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पूजानी ने कहा था कि ओआईसी पाकिस्तान को आतंकवाद को छोड़ने और भारत के क्षेत्र पर अपना कब्जा हटाने के लिए कहने के बजाय, उसे भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार के अपने नापाक एजेंडे को पूरा करने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करने दिया. उन्होंने कहा था कि फैक्ट ये है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है और रहेगा. पाकिस्तान भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रहा है.
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