Pralay Missile Test: भारत ने 24 घंटे में दूसरी बार गुरुवार को सतह से सतह पर मार करने वाली प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक निशाने को भेद सकती है. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक यह टेस्ट विभिन्न रेंज और सभी पैरामीटर्स पर मिसाइल को परखने के लिए किया गया. इस मिसाइल की एक खासियत यह भी है कि हवा में यह अपना रास्ता बदल सकती है.


 बुधवार को भी इस मिसाइल का टेस्ट किया गया था. यह पहली बार है जब देश में बनी किसी मिसाइल को दो दिन में दूसरी बार टेस्ट किया गया है. इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन यानी DRDO ने बनाया है और यह 500-1000 किलोग्राम का वॉरहेड्स ले जा सकती है. प्रलय मिसाइल ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है. इस मिसाइल की निर्देशक प्रणााली में अत्याधुनिक नौवहन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं.






बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि स्वदेशी प्रलय मिसाइल ने अपने पहले परीक्षण के दौरान क्वासी-बैलिस्टिक ट्रेजेक्टरी में सभी मिशन एल्गोरिथम को फॉलो किया. इस दौरान मिसाइल ने जहां अपने टारगेट पर अटैक किया वहां सभी सेंसर और समंदर में जो युद्धपोत इस मिसाइल को ट्रैक कर रहे थे, सभी ने पूरे परीक्षण को कैप्चर किया.


डीआरडीओ (DRDO) ने प्रलय मिसाइल को दुश्मन के कैंप और छावनी को तबाह करने के लिए तैयार किया है, क्योंकि अभी तक 500 किलोमीटर तक मार करने के लिए भारतीय सेना के पास सिर्फ ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल है, लेकिन ब्रह्मोस मिसाइल का पेलोड मात्र 200 किलो है. इसलिए प्रलय मिसाइल को तैयार किया है, जो करीब 500-1000 किलो तक गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है.  


गौरतलब है कि डीआरडीओ (DRDO) की ओर से पिछले कुछ समय से ताबड़तोड़ मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. 18 दिसंबर को डीआरडीओ (DRDO) ने अग्नि-प्राइम का भी परीक्षण किया था.