India-Sri Lanka Relations: भारत की पहचान मुश्किल वक्त में पड़ोसियों की मदद करने वाले देश के तौर पर रही है. ऐसा हमेशा ही देखने को मिला है, फिर भले ही किसी मुल्क से दगाबाजी ही क्यों न मिल जाए. यही वजह है कि भारत ने मालदीव को जरूरी चीजों की सप्लाई का भरोसा दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अब वह दो पड़ोसी मुल्कों की मदद करने भी जा रहा है. इसमें से एक देश श्रीलंका है, जबकि दूसरा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) है.


दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 'पड़ोसी प्रथम नीति' पर काम करते हुए पहले मालदीव की मदद की है. अब श्रीलंका और यूएई को भी मदद भेजने की बारी है. भारत अब श्रीलंका को हजारों मीट्रिक टन प्याज की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, भारत ने 3 अप्रैल को अपने दोस्त यूएई को भी अपने कोटे से अतिरिक्त 10,000 टन प्याज की आपूर्ति की अनुमति दी. भारत ने हमेशा ही यूएई को प्राथमिकता दी है. 


एक्सपोर्ट बैन के बाद भी मालदीव को होगी जरूरी चीजों की सप्लाई


वहीं, भारत- मालदीव के बीच रिश्ते खराब होने की मुख्य वजह चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपोर्ट नोटिफिकेशन देखने पर पता चलता है कि भारत ने मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, आटा, दाल, चीनी, पत्थर और नदी की रेत भेजने का भरोसा दिया है, भले ही रिश्ते कैसे भी रहें. मालदीव में 21 अप्रैल को संसदीय चुनाव होने वाले हैं. 


अगर भारत चाहता तो जरूरी चीजों की सप्लाई का भरोसा न देकर मोहम्मद मुइज्जू की हालत खराब कर सकता था. हालांकि, भारत ने नरम रुख अपनाते हुए खाने की जरूरी चीजों की सप्लाई करने का आश्वासन दिया है. मालदीव के लिए एक्सपोर्ट नोटिफिकेशन के आखिरी पैरा में लिखा गया, "सभी जरूरी वस्तुओं के एक्सपोर्ट को किसी भी मौजूदा प्रतिबंध से छूट दी जाएगी."


इसका मतलब हुआ कि अगर भविष्य में प्याज, गेहूं, चावल जैसी जरूरी चीजों के प्रोडक्शन में भारी कमी हो जाती है और भारत एक्सपोर्ट बैन लगाने का फैसला करता है. ऐसे हालात में भी भारत मालदीव को खाने की चीजों की सप्लाई करना जारी रखेगा.


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