नई दिल्ली: भारत ने चीन से भी टेस्ट किट मंगवाई शामिल लेकिन कोरोना संक्रमण की जांच करने में यह भारतीय मानदंडों पर खरी नहीं उतरी हैं. जिसके वजह से इन्हें लौटाया जाएगा. इनके लिए अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. इन किट के नतीजों को लेकर कई राज्यों से शिकायतें आ रही थीं.
स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि सभी दोषपूर्ण एंटीबॉडी परीक्षण किट को लौटा दिया जाएगा. बेशक उन्हें किसी भी देश से क्यों न खरीदा गया हो, जिसमें चीन भी शामिल है. हमने अभी तक एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत की. उन्होंने कहा, 'जब भी जरुरत होगी हम आपकी मदद के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देंगे. उन्हें निगरानी करने के लिए नहीं भेजा जाएगा. वे आपका हाथ थामने और सहयोग के लिए हैं. ताकि हमें आगे आपकी मदद के लिए फीडबैक मिल सके.'
जांच में भारतीय एजेंसियों का सहयोग करने के लिए तैयार- चीन की कंपनियां
वहीं, किट की आपूर्ति करने वाली चीन की दो कंपनियों ने कहा कि वह उत्पाद की सटीकता में आ रही शिकायतों की जांच में सहयोग के लिए तैयार है. अलग-अलग बयानों में ग्वांगझु वोंदफो बायोटेक और लिवजोन डायग्नोस्टिक ने कहा कि वह अपने उत्पाद के लिए गुणवत्ता नियम का कड़ाई से पालन करते हैं. कंपनी ने कहा कि सटीक परिणाम पाने के लिए किटों को रखे जाने और उनके इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश का पालन किया जाना चाहिए.
देश की शीर्ष चिकित्सीय अनुसंधान इकाई भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को सलाह दी थी कि जब तक इस संबंध में वह जांच नहीं कर लेते हैं तब तक दो दिन के लिए इसका इस्तेमाल रोक दिया जाए. पिछले सप्ताह भारत ने चीन की दो कंपनियों से 5.5 लाख त्वरित एंटबॉडी जांच किट की खरीददारी की थी और इन्हें कई राज्यों में वितरित किया था.