नई दिल्लीः भारत सरकार लगातार अपने प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने की ओर कदम बढ़ा रही है. हाल ही में भारत को फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमानों की प्राप्ती हुई थी. वहीं बीते लंबे समय से लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ सीमा पर चल रहे विवाद के बीच देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) की ओर कदम बढ़ाया है. भारत आने वाले समय में इज़राइल में निर्मित PHALCON AWACS रडार की खरीद कर सकता है.
चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच नरेंद्र मोदी सरकार अगले सप्ताह की शुरुआत में दो PHALCON हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) के अधिग्रहण को पूरा करने की तैयारी कर रही है. मौजूदा समय में भारत के पास 360 डिग्री पर घूमने वाले रोटोडोम लगे तीन PHALCON AWACS हैं. इसके साथ ही भारत के DRDO में निर्मित 260 डिग्री पर घूमने वाले रोटोडोम लगे दो AWACS भी भारत के पास हैं.
अगर बात की जाए चीन की, तो उसके पास वर्तमान में 28 PHALCON AWACS हैं. जिसके जरिए मुश्किल परिस्थितियों में हवाई हमने के दौरान काफी मदद मिल सकती है. वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास सात PHALCON AWACS मौजूद हैं.
भारत सरकार ने PHALCON AWACS की खरीद प्रक्रिया को लेकर पूरी तैयारी कर ली है. बीते हफ्ते सुरक्षा मामले के कैबिनेट कमेटी के समक्ष खरीद और अधिग्रहण से संबंधित मसौदा को रखा गया. इससे पहले सीसीएस ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को प्रस्ताव वापस भेजा और इससे जुड़े स्पष्टीकरण मांगे थे.
बता दें कि PHALCON AWACS रडार और इसके प्लेटफार्म की कीमत तकरीबन 200 करोड़ डॉलर आंकी जा रही है. इसके रडार और प्लेटफॉर्म को इज़राइल में तैयार किया जाएगा. बात की जाए इसके बनकर तैयार होने की तो PHALCON AWACS रडार सिस्टम को भारत आने में तकरीबन दो से तीन साल लग सकते हैं.
इसे भी देखेंः
एक समान श्रेणी होने की आड़ में ‘फलों की पूरी टोकरी’ अमीरों को नहीं दी जा सकतीः सुप्रीम कोर्ट
कोरोना: दिल्ली में मेट्रो सेवा दोबारा शुरू होने पर एंट्री गेट्स की संख्या में हो सकती है भारी कमी