भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टीका गठबंधन गावी के लिये 1.5 करोड़ डॉलर देने का भरोसा दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय से यह जानकारी प्राप्त हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संकल्प ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा आयोजित वैश्विक टीका शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किया. इस शिखर सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के कारोबारी नेताओं, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, सरकार के मंत्रियों, नागरिक संस्थाओं, शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया .
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, अपने संबोधन मे मोदी ने कहा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण समय में दुनिया के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है . उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने एक तरह से वैश्विक सहयोग की सीमाओं को उजागर किया है और हाल के इतिहास में पहली बार मानव का सामना स्पष्ट रूप से एक साझा शत्रु से हुआ है.
गावी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल एक गठबंधन नहीं है बल्कि वैश्विक एकजुटता का प्रतीक है और यह याद दिलाता है कि दूसरों की मदद करके हम अपनी मदद कर सकते हैं . मोदी ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी है और स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमा है और वह टीकाकरण के महत्व को समझता है .
उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता हमें दुनिया को एक परिवार की तरह देखने की शिक्षा देती है और महामारी के समय में हमने इस शिक्षा को साकार किया है . प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपने उपलब्ध दवाओं के स्टॉक में से 120 देशों के साथ साझा किया है और अपने पड़ोस में एक साझा प्रतिक्रिया रणनीति कायम की. उन्होंने कहा कि भारत टीका के अग्रणी उत्पादकों में से एक है. भारत गावी के कार्यों को समझता है और इसलिये गावी का दानदाता बना है .
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