नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच राफेल जेट जंगी विमानों की पहली खेप को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही वायुसेना, उनमें 60 किलोमीटर तक मारक क्षमता की हवा से जमीन पर मार करने वाली नयी पीढ़ी की मिसाइलें लगाने पर विचार कर रही है. इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी.
यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है. यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली राफेल जेट विमानों के हथियार पैकेज में शामिल होंगे.
संबंधित सूत्रों ने बताया कि वायुसेना की नजर अब मध्य दूरी की हवा से जमीन पर लक्ष्य भेदने वाली मोड्यूलर हथियार प्रणाली हैमर की खरीद पर टिकी है. इसके लिए उसकी सरकार द्वारा सशस्त्र बलों को अहम हथियारों और शस्त्राास्त्रों की तीव्र खरीद के लिए सरकार द्वारा प्रदत्त आपात वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करने की योजना है.
हैमर बिल्कुल सटीक निशाना साधने वाली मिसाइल
हैमर फ्रांसीसी रक्षा कंपनी साफरान द्वारा विकसित बिल्कुल सटीक निशाना साधने वाली मिसाइल है. मूल तौर पर इसे फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए विकसित किया गया था. चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने इस महीने सेना के तीनों अंगों को आपात अभियान संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए 300 करोड़ रूपये के अलग-अलग पूंजीगत खरीद कार्यक्रम की विशेष शक्तियां प्रदान की है.